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चारधाम यात्रा के 100 दिन : 32 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पहुंचे चारधाम 

– एसडीसी फाउंडेशन ने चारधाम यात्रा के सौ दिन पूरे होने पर आंकड़ों का विश्लेषण किया पेश, पिछले 70 दिनों में सुस्त पड़ी यात्रा की रफ्तार
Pen Point, Dehradun : उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ बदरीनाथ समेत हेमकुंड साहिब यात्रा को शुरू हुए 100 दिन पूरे हो चुके हैं और इन 100 दिनों में करीब 32,61,096 तीर्थ यात्री चारधाम समेत हेमकुंड साहिब पहुंचे। एसडीसी फाउंडेशन की ओर से यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर आंकड़ों का विश्लेषण कर जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 100 दिन की यात्रा में करीब 60 फीसद यात्री शुरूआती 30 दिनों में ही चारधाम और हेमकुंड साहिब पहुंच गए थे जबकि उसके बाद अगले 70 दिनों में केवल 40 फीसद यात्री ही इन जगहों पर पहुंच सके। भारी भीड़ से पैदा हुई अव्यवस्थाएं, खराब प्रबंधन और आपदा की वजह से जून आखिर से ही यात्रियों की संख्या कम होने लगी थी।
एसडीसी फाउंडेशन की ओर से जारी रपट में कहा गया है कि उत्तराखंड के चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा का आगाज इस बार 10 मई को हुआ था और 17 अगस्त को यात्रा के 100 दिन पूरे हो गये हैं। 10 मई को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुले थे। 12 मई को बद्रीनाथ और 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिये गये थे। एसडीसी फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट को 14 हफ्ते और 2 दिन में विभाजित किया है। इस तरह से प्रत्येक हफ्ते और बाकी के दो दिन में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का विवरण दिया गया है। रिपोर्ट जारी करते हुए एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा की पहले सौ दिन में सबसे ज्यादा 10,92,284 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे। बद्रीनाथ में इस दौरान 9,05,954 , गंगोत्री में 5,98,723, यमुनोत्री में 5,14,472 तीर्थयात्री पहुंचे। हेमकुंड साहिब में 1,49,662 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और विभिन्न जिलों में स्थित यात्रा कन्ट्रोल रूम द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट बताती है कि पहले सौ दिनों में केदारनाथ में 21 मई को सबसे ज्यादा 38,682 तीर्थ यात्री पहुंचे।बद्रीनाथ में 19 मई को दर्शन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा 28,055 रही। गंगोत्री में 12 मई को सबसे ज्यादा 18,973 और यमुनोत्री में 17 मई को सबसे ज्यादा 15,800 तीर्थयात्री पहुंचे। हेमकुंड साहिब में 25 मई को सबसे ज्यादा 5,785 तीर्थयात्रियों ने माथा टेका।

केदारनाथ में सबसे ज्यादा मौतें
चारधाम यात्रा के दौरान अलग अलग परिस्थितियों की वजह से जान गंवाने वाले यात्रियों की संख्या का भी इस रपट में जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार पहले 100 दिनों में कुल 183 तीर्थयात्रियों की मौत हुई। सबसे ज्यादा 89 तीर्थयात्रियों की मौत केदारनाथ में हुई। इनमें 6 की मौत प्राकृतिक आपदा के कारण और बाकी 83 की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई। बद्रीनाथ में 44, यमुनोत्री में 31, गंगोत्री में 15 और हेमकुंड साहिब में 4 लोगों की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई।
रिपोर्ट को तैयार करने वाले फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने चारधाम यात्रा और उत्तराखंड के अन्य सभी त्योहारों के संचालन में कैरिंग कैपेसिटी सिद्धांतों के स्पष्ट उल्लंघनों पर अपनी गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा की सरकार यात्रियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के लक्ष्य को लेकर चल रही है जो कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल नहीं है और स्थानीय क्षमता के सिद्धांत के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चारधाम समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर स्थानीय क्षमता के अनुकूल ही यात्रियों की संख्या निर्धारित की जाए जिससे यात्रा प्रबंधन के साथ ही जैव विविधता, स्थानीय संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। अनूप नौटियाल ने सुझाव दिया है कि चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद यात्रा व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा हो और इस साल हुए कुप्रबंधन के साथ ही अन्य सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए मौजूदा व्यवस्थाओं में खामियों को तलाश कर उन्हें सुधारने का प्रयास शुरू कर दिया जाए।

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