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जोशीमठ संकट पर हाई अलर्ट मोड पर पुष्कर धामी सरकार

डेंजर जोन में रहने वालों के लिए सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास केंद्र बनाने की हिदायत:तेज हुआ एक्शन
हालात पर मुख्यमंत्री तलब कर रहे पल-पल की रिपोर्ट:दशकों पुराना संकट-अब पहाड़ बन के टूट रहा कहर

जोशीमठ में जमीन धंसने से उत्पन्न गंभीर संकट पर पुष्कर सरकार एकदम High Alert मोड पर तेजी से Action ले रही.CM पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल के Commissioner सुशील कुमार से हालात की रिपोर्ट लेने के साथ ही वाशिंदों को अन्य सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए पर्याप्त मुफीद स्थान तलाशने का अभियान शुरू करने के निर्देश भी दे दिए.जोशीमठ के डेंजर जोन से लोगों को तुरंत हटाने और आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की भी हिदायत दी. फिलहाल अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा. दशकों पहले शुरू संकट अब कहर बन के टूटने की दशा में पहुँच गया है.सचिवालय में ACS-DGP और अन्य अफसरों के साथ समीक्षा बैठक कर जरूरी फैसले लिए गए.

CM पुष्कर सिंह धामी ने आज जोशीमठ संकट पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी कार्रवाई के लिए फरमान जारी किए
मुख्यमंत्री जोशीमठ संकट पर हर उस अफसर से लगातार पल-पल की रिपोर्ट खुद ले रहे हैं, जो इससे ताल्लुक रखते हैं.आपदा सचिव रंजीत सिन्हा और आयुक्त सुशील के साथ ही CS डॉ सुखबीर सिंह संधू और DGP अशोक कुमार से भी लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं. ACS राधा रतूड़ी-DGP और अन्य अफसरों के साथ उन्होंने आज सचिवालय में समीक्षा बैठक की. उन्होंने निर्देश दिए कि लोगों की जिंदगी को ख़तरा न हो. उनको डेंजर जोन से निकाल के सुरक्षित जगह ले जाया जाए. अस्थाई पुनर्वास केंद्र खोले जाएँ.

मुख्यमंत्री पुष्कर ने अफसरों को हिदायत दी है कि जोशीमठ की मौजूदा जगह रहने के लिए खतरनाक हो जाने के चलते अब कहीं और ऐसी जगह तलाशी जाए, जहाँ लोगों को विस्थापित करने के बाद स्थाई तौर पर बसाया जाए. ये साफ हो गया है कि दशकों पहले जिस संकट का बीज बोया गया था, वह अब पेड़ बन गया है. पहले की सरकारों और सरकारी तंत्र ने जो लापरवाही की, उससे हालात आज इस दौर में पहुँच गए हैं.

जोशीमठ में भूमि धंसने की शिकायत 6-7 दशक से भी पहले आने लगी थी. इस पर उस वक्त की सरकारों ने विशेषज्ञों की टीम भी बनाई थी. टीम से रिपोर्ट भी तलब की थी. निदान तलाशने के बजाए हालत को बिगड़ने दिया गया. जो बिगड़ते-बिगड़ते आज इस हाल में विध्वंसक दशा में पहुँच गया है. हालात इस कदर खतरनाक हो चुके हैं कि लोगों के घर-सड़कें तक धंसने और फटने लगी हैं.लोगों को खात्त्रा महसूस हो रहा है. CM ने कहा कि सरकार जोशीमठ की हालात पर एक-एक क्षण की रिपोर्ट ले रही है. लोगों की जिंदगी बचाना सबसे पहला लक्ष्य है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको बेहतर और सुरक्षित स्थान पर बसाना होगा. इसके लिए जरूरी हिदायत अफसरों को दिए गए हैं.वाशिंदों को अन्यत्र विस्थापित करने के साथ ही उनके लिए जरूरी हर वस्तु का प्रबंध भी किया जाएगा. पुष्कर ने आज सचिवालय में जोशीमठ संकट पर अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की. जरूरी सुरक्षित कदम उठाने का फरमान जारी किया. उत्तरकाशी के वरुणावत पर्वत संकट (ऐसी ही समस्या थी) के बाद जोशीमठ संकट ने ये साफ कर दिया कि पहाड़ों और कुदरत के साथ उत्तराखंड में छेड़छाड़ घातक साबित हो सकता है.

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