सात महीनों में 16 लोग बने जंगली जानवरों का निवाला
Pen Point, Dehradun : बीते सोमवार को टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र के भौड़ गांव में घर के आंगन में खेल रही 9 वर्षीय बच्ची की गुलदार के हमले में मौत हो गई, बच्ची का शव घर से करीब 300 मीटर दूर अधखाई अवस्था में मिला। इससे पहले शुक्रवार को देवप्रयाग में क्रिकेट खेल कर लौट रहे 17 वर्षीय किशोर भी गुलदार का शिकार बना। किशोर का शव काफी खोजबीन के बाद क्षत विक्षत हालत में मिला। ठीक इसके अगले दिन यानि शनिवार को कीर्तिनगर के जाखी गांव में घात लगाए गुलदार ने 56 वर्षीय व्यक्ति पर हमला कर दिया, हालांकि इस हमले में गुलदार तार में फंस कर मर गया लेकिन हमले में व्यक्ति भी बुरी तरह से जख्मी हुआ। सप्ताह भर से भी कम समय में गुलदार के तीन हमलों में दो बच्चों की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति बुरी तरह से जख्मी हो गया। टिहरी के घनसाली में जहां आदमखोर गुलदार को मारने के लिए शिकारी तैनात कर दिया गया है तो वहीं देवप्रयाग क्षेत्र में आदमखोर गुलदार वन विभाग के लगाए पिंजरे में घटना के दिन ही कैद हो गया था। सप्ताह भर से कम समय में अलग अलग जगह हुए हमलों के अलावा इस साल सात महीनों में ही 16 लोग जंगली जानवरों के हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं।
उत्तराखंड में शायद ही कोई महीना बीते जब ग्रामीणों और जंगली के जानवरों के बीच संघर्ष में ग्रामीणों के जान गंवाने की खबर न आती हो। पर्वतीय क्षेत्रों में जहां गुलदार और भालू आबादी वाले इलाकों में पहुंचकर ग्रामीणों को अपना निवाला बना रहे हैं तो मैदानी व तराई वाले इलाकों में बाघ, हाथी, सर्पदंश लोगों की जान ले रहा है। बीते सात सालों में ही प्रदेश में साढ़े चार सौ से ज्यादा लोग जंगली जानवरों के हमले में जान गंवा चुके है। जिसमें से इन सात महीनों में ही 16 लोग जंगली जानवरों के हमले में अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। वहीं, 2017 के बाद अब तक 450 से अधिक लोग जंगली जानवरों के हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि, इसी साल जनवरी में वन विभाग ने जंगली जानवरों के हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे मंे बढ़ोत्तरी करते हुए इसे 6 लाख रूपए कर दिया गया था जबकि हमले में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 1 लाख रूपए और हमले से अपंग हुए व्यक्ति को 1 लाख रूपए का मुआवजा देने की व्यवस्था की है। जबकि, जंगली जानवरों के हमलों में मवेशियों की मौत पर भी मुआवजे में बढ़ोत्तरी करते हुए अलग अलग प्रकार के मवेशियों के लिए अलग अलग मुआवजा तय किया है। जंगली जानवर के हमले में गाय और भैंस की मौत पर पशुपालक को 37,500 रूपए तथा बकरी, भेड़ की मौत पर 5 हजार रूपए के मुआवजा देने का प्रावधान किया है।