उत्तराखंड: वीर सैनिकों की भूमि में देश में चौथी सबसे बड़ी संख्या वीर नारियों की
PEN POINT, DEHRADUN : उत्तराखंड राज्य देश की आबादी में 1 फीसदी से भी कम हिस्सेदारी रखता है लेकिन देश सेवा के लिए वीर जवान देने में अव्वल है। यही नहीं देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने भी प्रदेश के जवान देश भर में अव्वल है। राज्य में वीर शहीदों की विधवाओं यानि वीर नारियों के लिहाज से देश भर में चौथा स्थान है।
वर्तमान में देश में करीब 14467 वीर नारी हैं, ऐसी महिलाएं जिनके पति ने देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। बीते दिनों राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्र सरकार ने यह आंकड़े जारी किए। देश में सर्वाधिक सैनिक देने वाले पंजाब में ही सबसे ज्यादा वीर नारियां है तो सेना में बड़ी हिस्सेदारी निभाने वाले उत्तराखंड का इस मामले में चौथा स्थान है। राज्य में 1407 वीर महिलाएं है। उत्तराखंड राज्य का भारतीय सेना में गौरवशाली इतिहास रहा है। अंग्रेजी हुकूमत के दौर से ही उत्तराखंड की हिस्सेदारी सेना में बढ़चढ़कर रही है। आज भी औसतन नौ हजार उत्तराखंडी हर साल भारतीय सेनाओं के विभिन्न अंगों का हिस्सा बनते है। मौजूदा दौर में ही सेना के विभिन्न अंगों में राज्य के 75 हजार से अधिक सैनिक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। तो करीब 1 लाख 70 हजार से अधिक पूर्व सैनिक हैं। जबकि, डेढ़ करोड़ की आबादी वाला यह राज्य आबादी के लिहाज से देश में 21वां स्थान रखता है। प्रदेश का शायद ही ऐसा कोई गांव हो जहां से बड़ी संख्या में युवा भारतीय सेना का हिस्सा न हो। वहीं, सर्वाधिक वीर नारियां पंजाब में है, उसके बाद उत्तर प्रदेश और हरियाणा का नंबर है जबकि यह दोनों राज्य आबादी के लिहाज से भी उत्तराखंड से बड़े हैं वहीं इसके बाद चौथा नंबर उत्तराखंड राज्य का है।
राज्य में वीर नारियों को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार ने 2018 में वीर नारियों को मिलने वाली पेंशन दोगुनी कर दी थी।