सवाल : नकल विरोधी कानून ‘व्हिसल ब्लोअर्स’ को हतोत्साहित करेगा
– रविवार को पेपर की सील खुली होने की शिकायत करने वाले युवाओं पर पुलिस ने दर्ज किए मुकदमें
– रविवार और सोमवार को पूरे दिन पुलिस की यह कार्यवाही सोशल मीडिया पर होती रही ट्रैंड
पेन प्वाइंट, देहरादून। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल पर नकेल कसने के लिए जारी नकल विरोधी अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर सरकारी और संगठन अपनी पीठ भले ही थपथपा रही हो लेकिन रविवार को इस अध्यादेश के तहत दर्ज पहले मुकदमे के बाद इस कानून की नियत भी सवालों के घेरे में आ गई है। पेपर की सील खुली होने की शिकायत का निवारण करने के बजाए परीक्षा देने आए युवाओं के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज होने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह कानून परीक्षाओं में नकल व पेपर लीक के व्हिसल ब्लोअर्स को हतोत्साहित करने का हथियार बन जाएगा।
राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक मामले में युवाओं के आक्रोश को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते हफ्ते आनन फानन में नकल विरोधी कानून का अध्यादेश जारी किया। राजभवन से अनुमति के बाद इसने कानून की शक्ल ले ली। तो रविवार को ही इस कानून के तहत पहला मामला भी दर्ज हो गया। लेकिन, नकल व पेपर लीक पर इसे वार बताए जा रहे इस कानून की पहली गाज शिकायतकर्ता पर गिरी है। ऐसे में इस कानून का वह प्रावधान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें उत्तर कुंजियों, प्रश्न पत्रों के संबंध में भ्रामक जानकारी प्रसारित करने पर कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। इसे प्रदेश भर के युवा व्हिसल ब्लोअर को हतोत्साहित करने वाला प्रावधान बता रहे हैं।
रविवार को राज्य में पटवारी परीक्षा का आयोजन किया गया। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद यह पहली प्रतियोगी परीक्षा थी। हालांकि, इससे पूर्व पेपर लीक व अनुचित साधनों के प्रयोग के चलते पटवारी परीक्षा दो बार टाली जा चुकी थी। रविवार को आयोजित पटवारी परीक्षा को नकलविहिन बनाने के लिए प्रशासन ने पुख्ता तैयारियों का दावा किया लेकिन परीक्षा निपटते ही जगह जगह परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि उन्हें मिले पेपर की सील खुली हुई थी। उत्तरकाशी में कुछ युवाओं यह शिकायत की तो उन युवाओं के खिलाफ ही नकल विरोधी कानून के तहत उत्तरकाशी पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया। जबकि, राज्य में अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी बिना सील के पेपर बंटने की खबर आने लगी। तो पुलिस और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से बयान आया कि परीक्षा प्रश्न पत्रों की सील परिवहन के दौरान खुलने की संभावनाएं रहती है इसलिए इसे कोई अनियमितता न माना जाए।
आयोग और पुलिस के दावे पर रविवार और सोमवार को सोशल मीडिया पर सवाल उठते रहे। युवाओं ने इस दावे पर सवाल उठाने शुरू किए तो पुलिस ने रविवार को अपने आफिशियल पेज से इस संबंध में की गई पोस्ट के कमेंट सेक्शन को बंद कर दिया।