फिलहाल नहीं बढ़ेगा बिजली का बिल,यूपीसीएल की याचिका खारिज
-विद्युत नियामक आयोग ने जनसुनवाई के बाद यूपीसीएल की याचिका को किया खारिज
PEN POINT, DEHRADUN : बाजार से महंगी बिजली खरीद की वसूली उपभोक्ताओं से माहवार करने की यूपीसीएल की याचिका को विद्युत नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है। बीते मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और तकनीकी सदस्य एमके जैन की खंडपीठ ने जनसुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि बीते अप्रैल माह में ही बिजली की बढ़ी हुई दरें लागू हुई थी।
नई दरें लागू होने के साथ ही यूपीसीएल ने केंद्र सरकार के नियमों का हवाला देते हुए आयोग में याचिका दायर की थी।ं 29 दिसंबर 2022 को केंद्र सरकार ने नियम जारी किया था कि बाजार से महंगी दर पर बिजली खरीदे जाने पर डिस्कॉम हर माह उपभोक्ता बिल से इसकी वसूली कर सकते हैं। इससे पहल स्थिति अलग थी। तब यूपीसीएल की ओर से सालभर में उपभोक्ताओं से केवल थर्मल प्लांट की बिजली में होने वाले अतिरिक्त खर्च को फ़यूल ऐडजस्टमेंट के रूप में तिमाही वसूला जाता था। इसकी मासिक वसूली के लिए यूपीसीएल ने आयोग में याचिका दायर की थी।
लेकिन नई दायर की गई याचिका में फ्यूल और पावर परजेज एडजस्टमेंट ..एफपीपीए..की मांग की गई थी। इसमें केंद्र सरकार के आदेश का हवाला देते हुए मांग की गई है कि बाजार से महंगी बिजली के हिसाब से उन्हें उपभोक्ताओं से मासिक वसूली की अनुमति मांगी गई।
इस याचिका पर जनता से सुझाव मांगे गए और बीते मंगलवार को जनसुनवाई की। इस दौरान उपभोक्ताओं का कहना था कि अप्रैल में ही बिजली के दाम बढ़े हैं। खास तौर पर उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए यह अव्यवहारिक है। वहीं उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधियों की ओर से भी खुलकर विरोध किया गया। सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और तकनीकी सदस्य एमके जैन की खंडपीठ ने चाचिका को खारिज कर दिया।
आयोग ने विनियमों में बदलाव के लिए भी निर्देशित किया। जिसके मुताबिक अब आयोग के सचिव के स्तर से एक प्रस्ताव आयोग के समक्ष रखा जाएगा। वही बताएंगे कि विनियमों मे किस तरह के बदलाव हो सकत हैं। इस प्रस्ताव पर आयोग निर्णय लेगा या आयोग ने प्रस्ताव स्वीकार किया तो नए सिरे से जनसुनवाई की जाएगी। उसके बाद आयोग फैसला करेगा।
फिलहान आयोग की ओर से एक अप्रैल को जारी दरों के मुताबिक ही बिजली का बिल आ रहा है। अब नियामक आयोग यूपीसीएल के लिए बाजार से बिजली खरीद की दर तय कर देगा। इसके बाद भारी मांग के चलते अगर यूपीसीएल बाजार से उस दर से अधिक पर बिजली खरीदेगा तो बढ़ी हुई राशि उपभोक्ताओं के बिलों में जोड़ दी जाएगी। मसलन, आयोग ने यूपीसीएल के लिए बाजार की से बिजली खरीद आठ रूपए प्रति यूनिट तय की है, लेकिन यूपीसीएल को इसकी खरीद दस रूपए में करनी पड़ी तो दो रूप्ए प्रति यूनिट उपभौताओं से हर माह आने वाले बिल में की जाएगी।