सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हैं पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष ‘बेनाम’
– बीते दो दिनों से फेसबुक, ट्वीटर पर पूर्व विधायक भाजपा नेता यशपाल बेनाम की बेटी की शादी का कार्ड वायरल
PEN POINT, DEHRADUN : भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21, जो देश के प्रत्येक नागरिक को निजता का अधिकार देता है, इसी अधिकार के तहत दो वयस्कों को अपने लिए जीवन साथी चुनने का अधिकार है। 27 मार्च 2018 को सर्वोच्च न्यायालय ने भी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत साफ किया कि जीवन साथी चुनने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है।
भारतीय संविधान और सर्वोच्च न्यायालय का जिक्र इसलिए क्योंकि बीते दो दिनों से सोशल मीडिया पर एक शादी का कार्ड वायरल है जिसे देखकर धर्म व संस्कृति के रक्षक परेशान हैं। इस कार्ड को लेकर सैकड़ों आपत्तिजनक पोस्ट, ट्वीट किए जा चुके हैं। दो वयस्क युवाओं की आपसी पसंद, परिवार की सहमति से होने वाली यह शादी बाकी शादियों सी आम है लेकिन इसमें दूल्हे के नाम व धर्म से भीड़ के बड़े हिस्से को समस्या पैदा होने लगी है।
बीते मंगलवार को सोशल मीडिया पर पौड़ी गढ़वाल के नगर पालिका अध्यक्ष व पूर्व विधायक यशपाल बेनाम की बेटी की शादी का कार्ड अचानक वायरल हो गया। सामान्य सा शादी का कार्ड था लेकिन कार्ड पर यशपाल बेनाम की बेटी के दूल्हे का नाम देखकर यह सोशल मीडिया पर ट्रैंड कर गया। यशपाल बेनाम की बेटी और पेशे से इंजीनियर मोनिका की शादी अमेठी निवासी मोनिस से हो रही है। बताया जा रहा है दोनों ने साथ में ही इंजीनियरिंग की और अब शादी के पवित्र बंधन में बंध रहे हैं। लेकिन, यह बात लोगों को रास नहीं आ रही है। असल में लोग दुल्हे बन रहे मोनिस के धर्म से गुस्से में है। मुस्लिम परिवार के मोनिस और हिंदू राजपूत परिवार की बेटी मोनिका की शादी का यह कार्ड कट्टरपंथियों की आंखों में खटकने लगा। और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर खूब लानत मलानत का खेल शुरू हो गया। कुछ ही घंटों में इस कार्ड के साथ ट्वीटर पर हजारों ट्वीट किए गए तो फेसबुक पर भी यह खूब वायरल हुआ। कुछ लोग इसे ‘लव जिहाद’ का नाम दे रहे हैं तो कुछ लोग इस कार्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर भी सवाल उठा रहे हैं। असल में यशपाल बेनाम भाजपा से जुड़े हुए हैं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में निजता के अधिकार के तहत जीवन साथी चुनने का अधिकार भारतीय गणतंत्र के सभी वयस्कों को मिला हुआ है। लेकिन, इसके बावजूद आज भी विवाह के लिए जीवन साथी चुनने को लेकर पुरानी रूढ़ीवादी सोच हावी है। जाति, धर्म, समुदाय से बाहर जीवन साथी चुनने पर कई बार युगल को मौत के घाट तक उतारा जाता है। वहीं, इन दिनों देश में ‘लव जिहाद’ को मुद्दा बनाकर भी कट्टर हिंदुत्ववादी संगठन भी मोर्चा खोले हुए है। हिंदुत्ववादी संगठनों की माने तो एक विशेष अभियान के तहत मुस्लिम युवक हिंदू युवतियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनसे विवाह करते हैं और फिर उनका धर्म परिर्वतन करवा लेते हैं। लिहाजा पौड़ी गढ़वाल के नगर पालिका अध्यक्ष की पुत्री के विवाह का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग इसे लव जिहाद को प्रोत्साहित करने का षडयंत्र करार देने लगे। हालांकि, शादी के इस मामले में दोनों परिवारों की रजामंदी साफ देखी जा रही है इसके बावजूद भी धर्म और संस्कृति के ठेकेदारों ने इस मुद्दे को बेहद संवेदनशील बना दिया है।
वहीं, दूसरी तरफ लव जिहाज को लेकर आक्रामक रूख में दिखने वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता की बेटी का मुस्लिम युवक से विवाह पर विपक्षी नेता भी खूब तंज कस रहे हैं।