महिला बॉक्सिंग में विवाद, एशियन गेम्स सिर पर, चीफ कोच का इस्तीफा
-पिथौरागढ़ निवासी भारतीय महिला बॉक्सिंग के चीफ कोच भास्कर भट्ट ने छोड़ा पद, अपना मूल विभाग किया ज्वाइन
-एशियाई खेलों के लिए बचे मात्र तीन महीने, ओलंपिक खेलों तक पहुंचने के लिए यह एशियाई खेल अहम पड़ाव
Pen Point Dehradun : कुश्ती के बाद अब भारतीय महिला बॉक्सिंग पर भी विवादों के बादल मंडराने लगे हैं। जिसकी वजह भारतीय महिला बॉक्सिंग के चीफ कोच भास्कर भट्ट का अचानक इस्तीफा देना है। जबकि चीन में आयोजित होने वाले अगले ऐशियन गेम्स के लिए महज तीन महीने का समय बचा है। जिसकी तैयारी के लिए इन दिनों नेशनल कैंप चल रहा है। ऐसे में भट्ट का इस्तीफा देने से खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है। गौरतलब है कि भट्ट उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से आते हैं और साल 2021 से उन्हें भारतीय महिला बॉक्सिंग के चीफ कोच की जिम्मेदारी दी गई थी। इससे पहले वे भारतीय यूथ बॉक्सिंग के कोच थे।
फिलहाल भास्कर भट्ट के इस्तीफे को हाई परफॉमेंस डायरेक्टर बर्नाड डन से मतभेदों के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन ने ही इस आयरिश विशेषज्ञ की नियुक्ति की है। जिसकी देखरेख में 2024 ओलंपिक की तैयारियां की जा रही हैं। इसी साल अप्रैल माह से एशियन गेम्स के लिए पटियाला में महिला बॉक्सिंग का नेशनल कैंप भी शुरू हुआं। अगले साल पेरिस में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों तक पहुंचने के लिए यह एशियाई खेल अहम पड़ाव है।
सूत्रों के मुताबिक बर्नार्ड ने एशियन चैंपियनशिप के लिए जो मूल्यांकन का तरीका अपनाया है, उसके मुताबिक वर्तमान में छह भार वर्गों में खिलाड़ियों का मूल्यांकन किया जाना है। जबकि भट्ट 10 भार वर्ग में मूल्यांकन पर जोर देते रहे हैं। जिसके पीछे वजह अगले साल होने वाले सभी बड़ी चैंपियनशिप के लिए खिलाड़ी तैयार किये जा सकें। लेकिन बताया जा रहा है कि बर्नार्ड का फोकस केवल ऐशियन गेम्स पर है।
इस्तीफे के बाद भट्ट अपने मूल विभाग भारतीय खेल प्राधिकरण में चले गए हैं। मूल रूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले भट्ट नेशनल कांस्य पदक विजेता और कोचिंग में डिप्लोमा प्राप्त हैं। उन्होंने साई का एक सेंटर पिथौरागढ़ में भी खुलवाया है। उनके बड़े भाई धर्मेंद्र भट्ट भी बॉक्सर रहे हैं और उत्तराखंड में खेल विभाग में कई अहम पद संभाल चुके हैं।
मार्च में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले तीन शीर्ष महिला बॉक्सर भी नई चयन प्रक्रिया को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे चुकी हैं। जिस पर कोर्ट ने फेडरेशन को दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा था। लेकिन इसी दौरान वर्ल्ड चैंपियनशिप में चार गोल्ड जीतने की चमक में यह विवाद दब गया। सूत्रों के मुताबिक इस पर अंतिम फैसला आना अभी बाकी है।