उत्तराखंड में नहीं थम रहा कुदरत का कहर, तस्वीरें बयां कर रही तबाही
Pen Point, Dehradun : उत्तराखंड में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं तो कई जगह जमीनें दरक रही हैं। बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में बीते दो माह में अब तक 78 लोगों की जान चली गई है। जबकि पचास से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य के हर जिले में भूस्खलन के कारण कई सड़कें लगातार टूर रही हैं तो मकान भी मलबे में जमींदोज हो रहे हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की एक रिपोर्ट कहती है कि उत्तराखंड का करीब 39 हजार वर्ग किमी क्षेत्र यानी 72 फीसदी इलाका भूस्खलन से प्रभावित है। आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ेक मुताबिक इस बार बीते साल की तुलना में पांच गुना ज्यादा भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। उत्तराखंड के हर पहाड़ी जिले में कई संवेदनशील जोन बने हुए हैं। कुल मिलाकर इस बार उत्तराखंड में मानसून से उपजे हालात की तस्वीरें बेहद डराने वाली हैं।
पहाड़ दरकने यानी भूस्खलन की घटना इतनी तेजी से होती है, इसकी जद में आने वालों को बचने का समय नहीं मिलता। बीते सोमवार की शाम टिहरी के चंबा में हुई घटना ऐसी ही थी। जहां देखते ही देखते सड़क के उपर से भूस्खलन हुआ और चार लोग जिंदा दफन हो गए।वहीं बीते चार अगस्त को केदारनाथ यात्रा मार्ग के पवास गौरकुंड में हुए भूस्खलन में पंद्रह लोग अभी तक लापता हैं। राज्य के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की ऐसी जानलेवा घटनाएं कई जगहों पर हुई हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार बारिश के पैटर्न में आया बदलाव इसका कारण है। इसी वजह से अतिव़ष्टि के साथ बादल फटने, अचानक बाढ़ जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। पहाड़ के ढलानों पर बढ़ता दबाव और अंधाधुंध भारी निर्माण का असर भी पहाड़ों की धारण क्षमता पर पड़ रहा है।
घरों से बाहर रातें बिताने को मजबूर
बीते 13 अगस्त को रात को हुई भारी बारिश से चमोली जिले में उफनाई नदियों ने बड़ें पैमाने पर बस्तियों में भूकटाव कर दिया था। बाढ़ से प्रभावित 90 परिवारों के 366 लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। दूसरी ओर उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लाक में मस्ताड़ी गांव लंबे समय से भूधंसाव की समस्या से जूझ रहा है। यहां लगातार घरो के अंदर जमीन से पानी का रिसाव हो रहा है। इसके साथ ही कुज्जन गांव में भी भूस्खलन सहित भूधंसाव से करीब 20 से अधिक भवनों को खतरा बना हुआ है। वहीं पौड़ी जिले के यमकेश्वर में भूस्खलन के कारण कई परिवार घरों को छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं।
फिलहाल राहत नहीं, सावधान रहें
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आने वाली 25 अगस्त तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जिससे नदियों में उफान और भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाओं में इजाफा होने का अंदेशा बना हुआ है। उत्तराखंड पुलिस की ओर से भी लोगों को सतर्क और सावधान रहने की ऐडवाइजरी जारी की गई है।
Pic Source- Internet