मानसून: देश में सबसे सूखा है अगस्त महीना, उत्तराखंड हुआ पानी पानी
Pen Point, Dehradun : उत्तराखंड में इस बार बादल जमकर बरस रहे हैं। लगातार बारिश से राज्य में जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त है। पहाड़ी इलाकों में जहां भूस्खलन और भूधंसाव से बड़ा नुकसान हो रहा है, वहीं मैदानी इलाकों में लगातार जलभराव जी का जंजाल बना हुआ है। खास तौर पर इस मानसून सीजन का अगस्त महीना भारी पड़ रहा है। लेकिन पूरे देश में मानसून के सूरतेहाल देखें तो अगस्त को सबसे सूखा महीना माना जा रहा है। यहां तक कि बीते 123 सालों में अगस्त 2023 सबसे सूखा महीना साबित हो सकता है। इससे पहले अगस्त 2005 में सबसे कम बारिश हुई थी।
पर्यावरण पत्रिका डाउन टु अर्थ की वेबसाइट मेें प्रकाशित एक लेख में विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया गया है कि अगस्त 2023 सबसे सूखा महीना हो सकता है। देश में अभी तक अगस्त माह में 115.4 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले अगस्त 2005 में 190 एमएम बारिश हुई थी। मानसून में संभावित रूकावट के कारण देश में अगस्त के बाकी दिनों में भी बारिश कम रहने के आसार हैं। जिस कारण इस मानसून सीजन का अगस्त महीना सबसे सूखा महीना साबित हो सकता है। इसके बावजूद उत्तराखंड व हिमांचल समेत कुछ अन्य हिमालयी राज्यों में इस बार लगातार बारिश हो रही है। जुलाई के मुकाबले अगस्त ज्यादा बारिश यहां कहर ही साबित हो रही है।
उत्तराखंड में बारिश के हालात पर नजर डालें तो अगस्त महीने में पहाड़ी इलाकों की तुलना में मैदानी इलाकों में ज्यादा बारिश हो रही है। मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो 1 से 23 अगस्त तक सबसे कम बारिश उत्तरकाशी जिले में हुई है। जहां 107 एमएम बारिश दर्ज की गई। जबकि इस पहाड़ी जिले अगस्त में सामान्य या औसत वर्षा का स्तर 300 एमएम मापा गया है। इसके बाद अल्मोड़ा जिले में 128 एमएम बारिश हुई हैं, जबकि इस जिले में अगस्त की सामान्य वर्षा 197.5 एमएम है।
राज्य में अगस्त माह की सबसे ज्यादा बारिश देहरादून जिले में हो रही है। इस महीने अभी तक देहरादून में वास्तविक 689.4 एमएम बारिश दर्ज की गई हैं। जबकि यहां सामान्य तौर पर अगस्त महीने में 379 एमएम बारिश दर्ज की जाती है। इसके बाद उधम सिंह नगर जिले में 676.8 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि इस मैदानी जिले में वर्षा का सामान्य स्तर 290 एमएम ही है। इसके अलावा नैनीताल और हरिद्वार जिलों में भी सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
पूरे राज्य की स्थिति पर नजर डालें तो अभी तक अगस्त माह में 313 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि यहां सामान्य बारिश 310 एमएम है। हालांकि यह मामूली अंतर है और कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में अगस्त में सामान्य वर्षा ही हुई है। लेकिन मैदानी जिलों में असामान्य ढंग से मेघ बरसने का यहां जनजीवन पर सीधा असर पड़ रहा है। फिलहाल आने वाले कुछ दिनों में तो इस स्थिति से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। मौसम विभाग की ओर से 25 अगस्त तक राज्य के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।