हिंदी दिवस :किस भाषा का है हिंदी शब्द ? क्यों मनाई जाती है आज राजेंद्र सिंह जयंती ?
PEN POINT, DEHRADUN : हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर हिंदी के महत्व को समझाने और इसे बढ़ावा देने के मकसद से मनाया जाता है, लेकिन क्या आपने सोचा कि आखिर इस दिन को मनाने के लिए 14 तारीख ही क्यों चुनी गई। अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं। इसकी वजह और इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। देश के कई राज्यों में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। आम बोलचाल के लिए भी हिंदी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। मंडेरिन, स्पेनिश और अंग्रेजी भाषा के बाद हिंदी दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
इसे बढ़ावा देने के मकसद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
साल 1949 में लंबी चर्चा के बाद देवनागरी लिपि में हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। इसी दिन महान हिंदी कवि राजेंद्र सिंह की जयंती भी होती है। भारतीय विद्वान, हिंदी-प्रतिष्ठित, संस्कृतिविद, और एक इतिहासकार होने के साथ ही उन्होंने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। राजेन्द्र सिंह (14 सितम्बर 1900 – 02 मार्च 1988 जबलपुर,मध्य प्रदेश) हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार थे, जिन्होने हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने की दिशा में अतिमहत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके बाद उनके 50वें जन्मदिन के दिन ही, अर्थात 14 सितम्बर 1949 को, हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। पचासवें जन्मदिन पर उपहार स्वरुप यह शुभ-समाचार दिल्ली से सबसे पहले जबलपुर के तत्कालीन सांसद सेठ गोविन्ददास ने भेजा क्योंकि इस विशेष दिन को ही राजभाषा-विषयक निर्णय लिए जाने के लिए उन्होंने प्रयास किये थे।
राजेन्द्र सिंह का जन्म जबलपुर में भाद्रपद शुक्लपक्ष षष्ठी विक्रम संवत्सर 1957, तदनुसार शुक्रवार 14 सितम्बर 1900, को हुआ था । उनका जन्मदिन प्रतिवर्ष हिंदी पंचांग की तिथि के अनुसार मनाया जाता था जो कि अक्सर 12 से 16 सितम्बर के बीच होता था, जबकि अंग्रेज़ी कलेंडर के अनुसार उनकी जन्मतिथि 14 सितम्बर ही है। वे जबलपुर के राष्ट्रवादी मॉडल हाई स्कूल के सबसे पहले बैच के छात्र थे। उनका विवाह 1916 में लखनऊ में हुआ। पत्नी राजरानी देवी का जन्म अवध रियासत के कुलीन अभिजात्य “दयाल” वंश में हुआ था।
अब आपको इसके बारे में भी बताते हैं। शायद आप जानते भी होंगे कि असल में हिंदी नाम खुद किसी दूसरी भाषा से लिया गया है। फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिए गए हिंदी नाम का मतलबसिंधु नदी की भूमि होता है। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में फारसी बोलने वाले लोगों ने सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ का नाम दिया था।
भारत के अलावा कई अन्य देश ऐसे हैं, जहां लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इन देशों में नेपाल, मॉरीशस, फिजी, पाकिस्तान, सिंगापुर, त्रिनिदाद एंड टोबैगो,बांग्लादेश शामिल हैं।