गुड़ खायो माख्यूं न, तू खांदी आँख्यूं न : गरीब परिवार की नन्ही विपाशा छाई हुई है सोशल मीडिया पर !
PEN POINT, DEHRADUN : सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों बेहद पसंद किया जा रहा है। एक छोटी सी बच्ची अपनी भावपूर्ण आवाज में प्रसिद्द लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीत को जिस तरह से गा रही है। उसने लोगों को उसका मुरीद बना दिया है। हालाँकि यह बच्ची महज अभी आठवीं क्लास में पढ़ती है। कोई संगीत शिक्षा नहीं ली, बल्कि गढ़वाली गाने तो शौकिया भी नहीं गाये थे। लेकिन हिंदी भोजपुरी गानों को वह अक्सर गुनगुनाना पसंद करती रही हैं। इसके इतर उसकी आवाज और गाने के लिए जिस तरह से कोई सिद्धस्त गायक प्रयोग करता है, उसके इस हुनर को विद्यालय के शिक्षकों ने पहचाना, तो उसे स्कूली कार्यक्रमों के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित किया। इसी का नतीजा ये रहा की आज सोशल मीडिया के इस दौर में गुरुजनों ने इस नन्हीं सी लड़की के हुनर को अपनी एक छोटी सी कोशिश से आम लोगों के बीच पहुँचाने की कोशिश की। जिसका नतीजा है कि यह छोटी सी बालिका आज उत्तराखंड के तमाम सोशल मीडिया सब्सक्राइबर के मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप के स्क्रीन पर नजर आ रही है।
सोशल मीडिया पर छाई यह नन्ही बालिका पौड़ी जिले के दूरस्थ क्षेत्र नैनीडांडा ब्लॉक की रहने वाली है। इसका नाम है बिपाशा. इसका गाने का वीडियो काफी वायरल हुआ है। विपाशा ने अपनी शानदार आवाज और गाने के बारीक अंदाज को पकड़ कर जिस तरह से गाया है उसने लोगों का दिल जीतने का काम किया है।
दरअसल जिले की धूमाकोट तहसील और विकासखंड नैनीडांडा के लूठिया गांव की रहने वाली नन्ही बालिका बिपाशा आजकल सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है। विपाशा का गाया हुआ गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी का लोकप्रिय गढ़वाली गीत बेहद पसंद किया जा रहा है। विपाशा राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय अदवाड़ी में आठवीं की छात्रा की छात्रा है। सोशल मीडिया पर अपनी महज एक बेहतरीन गायकी के जरिए चर्चाओं में आने पर विद्यालय के शिक्षक भी उस पर गर्व कर रहे हैं और निकट भविष्य में बेहतर मंच मिलने पर उसे आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं।
इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमेश चंद्र शाह ने बताया कि छात्रा अपनी सुरीली आवाज के साथ विद्यालय की सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेती रहती है। उन्होंने कहा कि अगर उसे सही दिशा मिल जाए, तो वह गायकी में अच्छा काम कर सकती है और नाम कमा सकती है।
वही बिपाशा का कहना है कि वह लोग गायक नरेंद्र सिंह नेगी, अनुराधा निराला, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, मीना राणा जैसे उत्तराखंड के नामी गायकों और गीतकारों अब बहुत गंभीरता से सुनने और समझने की कोशिश करती हैं। वहीं अपनी गायकी के शौक के चलते वह इन गायको के से सीखना और गाना चाहती हैं।
वहीं बेहद गरीब परिवार से आने वाली विपाशा के पिता रमेश लाल और माँ शांति देवी को भी अपनी बेटी से अच्छी दिशा मिलने और गायकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने की काफी उम्मीदें हैं।