ईरान की चाहत, इजरायल फलिस्तीन मामले में ‘नेहरू का भारत’ अपनी प्रतिक्रिया दे
– ईरानी राष्ट्रपति ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर ईजराइल हमास संघर्ष को खत्म करने के लिए ‘नेहरू की नीतियों’ के अनुरूप खत्म करने की अपील की
PEN POINT, DEHRADUN : हमास की ओर से इजराइल पर आतंकी हमले के बाद हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले इजरायल पर आम फलस्तिनियों के खिलाफ कार्रवाई के आरोप लग रहे हैं। मीडिया में लगातार आ रही तस्वीरों की माने तो हमास के खिलाफ कथित कार्रवाई के नाम पर इजरायल फलीस्तीनी इलाकों में युद्ध छेड़े हुए हैं। वहीं मध्य पूर्वी देश इसे फलीस्तीन के खिलाफ मानवीय त्रासदी करार देकर दुनिया भर से इजरायल के इन हमलों को रोकने की अपील कर रहे हैं। फलस्तीन में हो रहे इन हमलों को रोकने के लिए ईरान सबसे ज्यादा चिंतित है।
बीते सोमवार शाम को ईरान ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे इस संघर्ष को रोकने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर भारत की ऐतिहासिक भूमिका को निभाने की अपील की। हालांकि, भारतीय मीडिया ने इस खबर को तवज्जों नहीं दी लेकिन ईरानी मीडिया में इस संवाद ने खूब सुर्खियां बटोरी। ईरानी के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत की एतिहासिक भूमिका को फिर से निभाने की अपील की।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक़, राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान कहा कि मध्य पूर्व में जारी इस संघर्ष को रोकने के लिए भारत को अपनी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल करना चाहिए। सोमवार देर शाम हुई इस टेलीफानिक वार्ता में ईरान के राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी से कहा कि उनका देश तुरंत युद्ध विराम और ग़ज़ा के लोगों को मदद पहुंचाने के लिए पूरी दुनिया के संयुक्त प्रयासों के पक्ष में हैं। राष्ट्रपति रईसी ने मोदी को पश्चिमी उपनिवेशवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष और ‘गुट-निरपेक्ष आंदोलन का संस्थापक देश होने’ की याद दिलाई। असल में देश की आजादी के बाद से ही भारत ने दुनिया में किसी भी शक्ति विशेष का पक्षकार होने से इंकार करते हुए गुट निरपेक्ष आंदोलन की शुरूआत की। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के गुट निरपेक्ष आंदोलन से कई देश जुड़े और अपना मत जाहिर किया कि वह किसी शक्ति विशेष का मोहरा न बनकर अपने विवेक से दुनिया भर में होने वाले घटनाक्रम में अपनी प्रतिक्रिया देंगे। गुट निरपेक्ष को लेकर भारत हमेशा से ही दुनिया भर में अपनी विशेष साख बनाए हुए है।
इसी गुटनिरपेक्ष आंदोलन की याद दिलाते हुए ईरानी राष्ट्रपति रईसी ने कहा, “आज भारत से उम्मीद है कि वह गजा के लोगों के खिलाफ इजराइल के अपराधों को रोकने के लिए अपनी पूरा क्षमताओं का इस्तेमाल करे।
भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गजा में स्थितियों को काबू से बाहर होने से रोकने के साथ ही मानवीय मदद पहुंचाने के लिए प्रयास जारी रखने और पूरे क्षेत्र में शांति व स्थिरता को तुरंत बहाल करने की जरूरत पर जोर दिया। गौरतलब है कि भारत ने युद्ध प्रभावित गजा क्षेत्र में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए है साथ ही मानवीय सहायता के तौर पर राशन, चिकित्सा सुविधा युद्ध प्रभावित क्षेत्र गजा में पहुंचाई है। हालांकि, भारतीय मीडिया में इस बातचीत का जिक्र भले ही न हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बातचीत के बारे में बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि आतंकवादी घटनाएं, हिंसा और नागरिकों की जान का नुकसान गंभीर चिंता का विषय है. तनाव बढ़ने से रोकना, लगातार मानवीय सहायता सुनिश्चित करना और शांति-स्थिरता को जल्द बहाल करना बेहद जरूरी है।