सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया, विपक्ष हुआ हमलावर
PEN POINT, देहरादून: उत्तरकाशी सिल्क्यारा में हुए टनल हादसे को 150 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया है। लेकिन अभी तक 41 मजदूरों को टनल से बाहर नहीं निकाला जा सका है. मलबे में दबे मजदूरों की तबियत बिगड़ रही है। सारी कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं। समय गुजरने के साथ साथ उम्मीदें कमजोर पड़ती जा रही है.रेस्क्यू आपरेशन में बार बार अड़चने आ रही हैं।
इन सबके बीच प्रधानमंत्री कार्यालय से उप सचिव मंगेश घिल्डियाल उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होने अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार पल पल की अपडेट ले रहे हैं। इसे लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है. ग्राउंड जीरो पर काम कर रहीं एजेंसियों को प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग दे रही है. टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.
उत्तरकाशी टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल अस्थायी तौर पर रोक दिया गया है। घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए फिलहाल रोक दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, पहाड़ से दरकने की आवाज की बाद किसी आशंका के चलते ड्रिलिंग का काम रोका गया है. रेस्क्यू में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं।
वहीं इस घटना के बाद अब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य दलों ने सत्तापक्ष पर हमला बोला है. कांग्रेस ने राष्ट्रपति से इस मामले कि उच्च स्तरीय जाँच कराने कि मांग की है। कांग्रेस ने इस घटना के लिए कंपनी को दोषी माना है साथ ही कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भी सरकार से मांग की है।
आपको बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस वरिष्ठ नेता मंत्री प्रसाद नैथानी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने स्थलीय निरीक्षण कर पाया कि कंपनी की लापरवाही और खराब गुणवत्ता की वजह से यह हादसा हुआ है. वहीं भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस आपदा में भी अवसर तलाश कर रही है.