सिलक्यारा अपडेट : मजदूरों को निकालने के लिये दूसरी सुरंग बनेगी
Pen Point, Silkyara : सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने की दिशा में अब तक कोई खास कामयाबी नहीं मिल सकी है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन के जरिये मलबे के बीच से मजदूरों तक ह्यूम पाइप पहुंचाने का काम शनिवार को रोकना पड़ा। इसमें आ रही दिक्कतों को देखते हुए अब दूसरे विकल्पों पर काम शुरू कर दिया गया है। अब रेस्क्यू ऑपरेशन को पांच मोर्चों पर चलाए जाने का ऐलान किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल एवं प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने बीते शनिवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया था। इसके बाद हुई विशेष बैठक में रेसक्यू ऑपरेशन की रणनीति तय की गई। इस ऐलान के साथ ही रेस्क्यू अभियान के सभी मोर्चों पर युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है। जिसके तहत फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग के दायें व बायें हिस्से से इस्केप टनल बनाई जाएगी। इसके अलावा सुरंग की ऊपरी पहाड़ी से वर्टीकल ड्रिलिंग करने और सुरंग के पोलगांवं वाले हिस्से की तरफ से भी टनल बनाने के विकल्प पर अमल शुरू हो गया है।
पीएमओ के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल व पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने सुरंग की ऊपरी पहाड़ी के शीर्ष पर जाकर इस्केप पैसेज बनाने के लिये चिन्हित स्थलों का निरीक्षण किया। इस बैठक में लिए गए निर्णयों पर भी तत्काल ही अमल शुरू करते हुए मौके पर मौजूद संसाधनों व मशीनों के जरिये नये विकल्पों के लिए पहुंच व प्लेटफॉर्म बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों से जरूरी मशीनरी, सामग्री व संसाधनों को सिलक्यारा पहुंचाने के लिए एअरलिफ्ट करने या ग्रीन कॉरीडोर बनाकर सड़क मार्ग के जरिए पहुंचाने के लिए भी बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेकर इन तमाम इंतजामों को लेकर देशभर के संगठनों व एजेंसियों को चौंबीसों घंटे सतर्क रहकर समन्वय व सहयोग करने की अपेक्षा की गई। बैठक में राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए सहयोग को अत्यंत सराहनीय बताते हु रेसक्यू अभियान के अगले दौर में भी इसी तरह का सहयोग व समन्वय कायम रखने की जरूरत बताई।
मजदूरों के परिजन हो रहे परेशान
प्रशासन की ओर से सुरंग में फंसे मजदूरों की जीवनरेखा बनी पाईपलाईन के जरिए अंदर फंसे मजदूरों तक पोषक फूड सप्लीमेंट, ओआरएस आदि दवाएं भी भिजवाईं और मजूदरों के परिजनों व साथी मजदूरों को भरोसा दिलाया कि सभी लोगों को जल्द सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि फंसे मजदूरों का सब्र अब टूट रहा है। इस बात से मजूदरों के परिजनों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।
टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश
इस बीच सिलक्यारा में संचार सुविधाओं को सशक्त करने के लिए विभिन्न टेलीकॉम एजेंसिंयों को निर्देशित किया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने इस बावत केन्द्रीय संचार मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता भी की है। नतीजतन मौके पर टेलीकॉम एजेंसियों ने टावर्स व अन्य उपकरणों की स्थापना का काम शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी ने रेस्क्यू अभियान में केन्द्र सरकार के संगठनों को सहयोग करने एवं समन्वय स्थापित करने के लिए जिले से अतिरिक्त मानव संसाधन भी मुहैया करने हेतु आदेश जारी करते हुए चौबीसों घंटे अधिकारियों की तैनाती की है। जिले का आपदा प्रबंधन केन्द्र भी निरंतर इस रेस्क्यू अभियान में सहयोग कर रहा है। जिला प्रशासन ने सुरंग में फंसे मजदूरों व उनके परिजनों के मनोबल को बनाए रखने के लिए मनोचिकित्सकों की तैनाती भी की है।
आस्था का भी सहारा
ग्रामीणों और मजदूरों के दबाव के बाद अब निर्माण कंपनी ने सुरंग के बाहर बाबा बौखनाग का मंदिर बनवा दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले यहां बौखनाग का एक मंदिर बना हुआ था जो इस क्षेत्र के आराध्य हैं। सुरंग निर्माण शुरू होने के बाद काफी समय तक स्थानीय और बाहरी मजदूर इसमें पूजा अर्चना के बाद काम शुरू करते थे, लेकिन निर्माण कंपनी ने बाद में इसे तोड़ दिया था। जिससे इन लोगों में नाराजगी चली आ रही थी। हादसे से उपजे माहौल और लोगों की नाराजगी को देखते हुए शनिवार को कंपनी ने सुरंग के बाहर एक छोटा सा मंदिर बना दिया है।