महिला दिवस : वो भारतीय महिला जिसने “अंतर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस” की अलख जगाई
Pen Point, Deharadun : आज 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया में यह दिवस कई तरीके से मनाया जाता है। कुछ देशों में महिला दिवस पर छुट्टी रहती है। रूस में तो आठ मार्च से तीन चार दिनों में फूलों की बिक्री बढ़ जाती है। चीन में आधे दिन का अवकाश रहता है। इटली में इस दिन महिलाओं को मिमोसा फूल भेंट किया जाता है। अमेरिका में इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों और उनके योगदान का बखान राष्ट्रपति के विशेष संबोधन में किया जाता है।
लेकिन महिला दिवस की तरह एक पुरूष दिवस भी मनाया जाता है। हालांकि 19 नवंबर को मनाए जाने वाले पुरुष दिवस की ज्यादा चर्चा नहीं होती। इसकी शुरूआत भी बहुत पुरानी नहीं है। 1990 में शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को अभी संयुक्त राष्ट्र की मान्यता भी नहीं मिल सकी है। फिर भी दुनिया के करीब 80 देशों मे पुरुष दिवस मनाया जाता है। इसके आयोजकों के अनुसार ये दिन पुरूषों के दुनिया में अपने परिवारों और समुदायों में सकारात्मक मूल्यों के योगदान के जश्न के तौर पर मानाया जाता है। इसका उद्देश्य पुरूषों के सकारात्मक आदर्शों के बारे में दुनिया को बताने, पुरुषों की बेहतरी को लेकर जागरुकता फैलाने के साथ ही स्त्री और पुरूषों के आपसी संबंधों को सुधारना है।
साल 1999 के 19 नवंबर को वेस्टइंडीज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेरोम टिलुकसिंह अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की नींव डाली थी। लेकिन दुनिया के अन्य देशों समेत भारत में इस उत्सव को स्थापित करने में एक भारतीय महिला का बड़ा योगदान है। भारतीय अधिवक्ता और दो बच्चों की मां उमा चल्ला ने साल 2007 में भारत में अंतर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस मनाने का नेतृत्व किया। दिलचस्प बात है कि उन्हें यह नहीं पता था कि वास्तव में यह तारीख कहां से आई है, लेकिन उनका मानना था कि इस उत्सव को पुरुष विरोधी कानूनी प्रणाली में पुरुषों के साथ होने वाले चौंकाने वाले दुर्व्यवहार को उजागर करने का एक तरीका माना जाता है।
उमा चल्ला बेंगलुरु स्थित प्रसिद्ध स्वयं सेवी संस्था “सेव द इंडियन फैमिली फाउंडेशन” सहित कई संगठनों की संस्थापक हैं। उमा चल्ला भी अंतर्राष्ट्रीय बालक दिवस के शुरुआती प्रेरकों में से एक थीं।
अंतर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भारत में अंतर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस का प्रसार सबसे ज्यादा है। यह उमा चल्ला ही थीं जिन्होंने डैड्स 4 किड्स के संस्थापक वारविक मार्श को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस से जोड़ने और दुनिया भर में असमान पुरुष आंदोलन में समारोहों को समन्वित करने के लिए प्रेरित किया। 1999 से अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने के तरीकों में उपहार देना और प्राप्त करना, सार्वजनिक सेमिनार, मंच, सम्मेलन, स्कूलों में कक्षा की गतिविधियां, पुरुषों के स्वास्थ्य कार्यक्रम, नवंबर के धन संचय, रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रम, संसदीय भाषण, सरकारी अनुष्ठान, चर्च समारोह शामिल हैं। कई जगह प्रार्थना सभाएं, शांतिपूर्ण सभाएं, पुरस्कार समारोह, संगीत समारोह और कला प्रदर्शन आदि किये जाते हैं।