सिलक्यारा टनल निर्माण कंपनी ने 55 करोड़ रूपए का दिया था चंदा
– उत्तरकाशी में टनल निर्माण को लेकर चर्चाओं में आई नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने तीन मौकों पर 55 करोड़ रूपए मूल्य के चुनावी बांड खरीदकर दिया था भाजपा को चंदा
Pen Point, Dehradun : बीते साल दीवाली के मौके पर उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा धंसने के बाद उसमें 41 मजदूरों के फंसने के बाद चर्चाओं में आई निर्माणदायी कंपनी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने 2019 और 2022 में 55 करोड़ रूपए राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में दिए थे। इलेक्टोरल बांड यानि चुनावी बांड को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद एसबीआई की ओर से उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों को चुनाव आयोग ने गुरूवार देर शाम को अपनी वेबसाइट पर जारी किए। सिलक्यारा सुरंग समेत देश भर में 14 हजार करोड़ रूपए से अधिक की परियोजनाओं का काम संभाल रही नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी भी राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली बड़ी कंपनियों में शामिल रही।
उत्तरकाशी में यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच की दूरी को कम करने के लिए 2018 में सिलक्यारा में टनल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। 1383 करोड़ रूपए की लागत से साढ़े चार किमी लंबी इस सुरंग निर्माण का काम नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी को मिला था। यह कंपनी तब चर्चाओं में आई थी जब बीते साल नवंबर महीने में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ध्वस्त होने से सुरंग के अंदर अगले 17 दिनों तक 41 मजदूर फंसे रहे। अब कंपनी फिर से सुर्खियों में है। चुनावी बांड खरीददारों के नाम जारी करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद एसबीआई की ओर से उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों को चुनाव आयोग ने जारी किया है। जिसमें सिलक्यारा सुरंग निर्माण में लगी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी की ओर से 55 करोड़ रूपए के चुनावी बांड खरीदने की बात सामने आई है। कंपनी ने सबसे पहले 19 अप्रैल 2019 को एक-एक करोड़ के तीस चुनावी बांड खरीदकर भाजपा को 30 करोड़ रूपए चंदे के रूप में दिए। इसके बाद फिर 10 अक्टूबर 2019 में 15 करोड़ रूपए के 15 चुनावी बांड खरीदकर भाजपा के पक्ष में भुनाए। इसके बाद 10 अक्टूबर 2022 को एक-एक करोड़ के 10 चुनावी बांड खरीदकर भाजपा को दिए। यह बात भी दीगर है कि ईडी ने टैक्स संबंधी गड़बड़ी को लेकर अक्टूबर 2018 में कंपनी की हैदराबाद स्थित दफ्तरों में छापेमारी की थी। इस छापेमारी के छह महीने बाद ही कंपनी ने चुनावी बांड खरीदकर पहली किश्त के रूप में 30 करोड़ रूपए भाजपा को चंदे के रूप में दिए। और दो सालों में कुल मिलाकर 55 करोड़ रूपए के चुनावी बांड खरीदकर भाजपा को चुनावी चंदा दिया।
चुनाव आयोग की ओर से गुरूवार शाम जैसे ही चुनावी बांड खरीदने वालों की सूची जारी की गई तब से ही नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी सोशल मीडिया पर ट्रैंड करने लगी। सिलक्यारा सुरंग निर्माण को लेकर इस कंपनी पर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं उसके बावजूद भी केंद्र सरकार की ओर से सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद भी कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई तो नहीं की गई साथ ही कंपनी को फिर से काम करने के निर्देश दिए गए। एक रिपोर्ट की माने तो नवंबर 2023 को सिलक्यारा में सुरंग के भीतर भूस्खलन से पहले भी पांच बार सुरंग के अंदर खराब निर्माण कार्यों के चलते मलबा गिरने की घटनाएं हुई थी लेकिन कंपनी की ओर से इन खबरों को बाहर नहीं आने दिया गया। अब अक्टूबर 2018 में टैक्स संबंधी गड़बड़ी के बाद छह महीनों के बाद तीन मौकों पर 55 करोड़ रूपए चुनावी बांड के जरिए भाजपा को चंदा देने की खबरें सामने आने के बाद कंपनी फिर चर्चाओं में आ गई है।