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गढ़वाल सीट पर गोदियाल अब भी सुर्खियों में, सता रही ईवीएम सुरक्षा की चिंता

Pen Point, Dehradun :पौड़ी में सियासी गहमागहमी मतदान के बाद भी जारी है। खास तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल अब भी सुर्खियों में हैं। हालांकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी मतदान के बाद दिल्ली का रूख कर गए। उन्होंने भी गोदियाल की तरह ही वोट के लिये पहाड़ी पगडंडियों पर खूब पसीना बहाया। लेकिन गोदियाल अब अलग तरह की चुनौतियों से लोहा लेते दिख रहे हैं। चुनाव परिणाम आने में काफी वक्त होने के कारण ईवीएम की सुरक्षा को लेकर भी वो चिंता जाहिर कर चुके हैं।

गढ़वाल संसदीय सीट पर इस बार सत्ता और विपक्ष के बीच कांटे का मुकाबला हुआ। इस चुनावी संग्राम में बाजी कौन मारेगा, कहना अभी मुश्किल है। भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी के साथ जहां सत्ता की ताकत थी तो कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल की जमीनी साख पुरजोर तरीके से सामने आई। बलूनी किस तरह पाबंदियों से परे थे इसकी मिसाल मतदान के दिन भी देखी गई। बलूनी पोलिंग बूथ पर मय कैमरा पहुंचे और उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी हुई। जबकि दूसरी ओर कांग्रेस व अन्य प्रत्याशियों को पोलिंग बूथ के भीतर फोन तक ले जाने की अनुमति नहीं थी। गोदियाल ने इस पर ऐतराज जताते हुए चुनाव आयोग का ध्यान खींचने की कोशिश की। हालांकि इस मामले में आयोग ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।

मतदान के बाद बलूनी दिल्ली लौट गए, लेकिन गोदियाल फिर से जनता के बीच पहुंचे और लोगों का आभार जताते दिखे। भाजपा को टक्कर देने की बात पर उनका कहना है कि कार्यकर्ताओं ने मेरे लिये बहुत उम्दा पिच तैयार की, जिस पर मैंने बेहतर खेलने का प्रयास किया। स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़े गोदियाल राष्ट्रीय मुद्दांें पर भाजपा पर लगातार हमलावर हैं। विभिन्न जगहों पर मीडियाकर्मियों से मुखातिब होकर वह अपनी बात कह रहे हैं। हाल ही में यूकेडी के दिग्गज नेता दिवाकर भट्ट से उनकी मुलाकात भी चर्चाओं में है।

इसके साथ ही गोदियाल ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और इस मामले में कए व्हिसिल ब्लोअर की भूमिका में दिख रहे हैं। दरअसल 4 जून को चुनाव परिणाम आने हैं और मतदान से यह तारीख बहुत दूर है। इतने लंबे वक्त में स्ट्रांग रूम में ईवीएम की सुरक्षाा को लेकर गोदियाल आशंकित हैं। जिसे देखते हुए उन्होंने चुनाव आयोग से भी गुहार लगाई है। दिलचस्प बात है कि उन्होंने पौड़ी में इंटर कॉलेज में बने स्ट्रांग रूम के सामने वाले मकान पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया था। जिसे चुनाव आयोग ने हटाने को कह दिया। जबकि गोदियाल के मुताबिक ऐसा करके वह चुनाव आयोग की ही मदद कर रहे हैं, ताकि देखा जा सकें कि कोई अनधिकृत व्यक्ति तो स्ट्रांग रूम भवन में प्रवेश तो नहीं कर रहा। ईवीएम की सुरक्षा और निगरानी मजबूत हो सके। बताया जा रहा है कि आयोग उनकी दलील से सहमत नहीं है। ऐसे में गोदियाल और उनके समर्थकों का शक और शंका दोनों ही बढ़ रहे हैं।

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