Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • फुटबॉल: एआईएफएफ की बैठक में उत्तराखंड का नाम नहीं आया

फुटबॉल: एआईएफएफ की बैठक में उत्तराखंड का नाम नहीं आया

Pen point, Dehradun : अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ-एआईएफएफ की कार्यकारिणी की बैठक बीते गुरुवार, को कोलकाता में संपन्न हुई। फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ, गुजरात फुटबॉल संघ, केरल फुटबॉल संघ, सिक्किम फुटबॉल संघ और पंजाब फुटबॉल संघ की तारीफ की, लेकिन उत्तराखंड फुटबॉल का नाम अच्छे कामों में नहीं आया। फुटबॉल प्रेमी इस बात से हैरान हैं। उनके जेहन में सवाल है कि आखिर इसके पीछे क्या वजह है। इस मामले में उत्तराखंड राज्य फुटबॉल संघ की ओर से स्पष्टीकरण का इंतजार किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ ने स्वामी विवेकानंद अंडर-20 राष्ट्रीय फुटबॉल चौंपियनशिप का सफल आयोजन किया। केरल फुटबॉल संघ और गुजरात फुटबॉल संघ ने अपने-अपने राज्यों में पेशेवर सुपर लीग की मेजबानी की। सिक्किम फुटबॉल संघ ने दो कोचिंग कार्यक्रम और एक रेफरी क्लिनिक आयोजित करके शानदार काम किया। पंजाब फुटबॉल संघ की एआईएफएफ के कई टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए प्रशंसा की गई।

मणिपुर फुटबॉल संघ का भी बैठक में उल्लेख किया गया। उन्होंने इंफाल के दो क्लबों, टीआरएयू एफसी और नेरोका एफसी को बाहर न करने का अनुरोध किया, क्योंकि गड़बड़ी के कारण उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। पूरी बैठक में उत्तराखंड फुटबॉल संघ का कोई उल्लेख और प्रशंसा नहीं हुई। माना जा रहा है कि एआईएफएफ उत्तराखंड फुटबॉल संघ की संदिग्ध गतिविधियों से भलीभांति परिचित है और उसने उन्हें दरकिनार रखने का फैसला किया है।

उत्तराखंड फुटबॉल लीग का आज समापन
उत्तराखंड राज्य फुटबॉल लीग का आज समापन हो जाएगा, लेकिन इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि पहाड़ी राज्य का कोई क्लब इस सीजन में आई-लीग 3 में खेलेगा या नहीं। जिसकी वजह है कि उत्तराखंड राज्य फुटबॉल संघ अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा है। एआईएफएफ के मानदंडों अनुसार न्यूनतम 8 क्लबों और कम से कम 56 मैचों के बीच एक डबल लीग आयोजित की जानी चाहिए। उत्तराखंड राज्य फुटबॉल लीग में आठ क्लबों के बीच एकल लीग आयोजित की गई थी।

गौलतलब है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने 6 फरवरी 2024 को 2024-25 सत्र के लिए मानदंड जारी किए। उत्तराखंड फुटबॉल संघ ने राज्य फुटबॉल लीग की मेजबानी में 100 दिनों से अधिक की अनावश्यक देरी की गई।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required