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अयोध्या को गाली देने से पहले अयोध्या के मिजाज को तो समझिए

फैजाबाद संसदीय क्षेत्र की वह विधानसभा जो फैजाबाद का नाम ही खा गई इन दिनों भाजपा को हराने के कारण देश भर में चर्चा में है
Pankaj Kushwal : मंगलवार को जब चुनावी परिणाम घोषित हुए तो अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी और लगातार दो बार के सांसद लल्लू सिंह सपा के प्रत्याशी व मौजूदा विधायक अवधेश प्रसाद से चुनाव हार गए। यह अप्रत्याशित था खासकर तब जब अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को भाजपा और नरेंद्र मोदी ने अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित प्रसारित किया था, भाजपा के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इसे मोदी सरकार की हिंदुत्व को लेकर ऐतिहासिक उपलब्धि बताई थी। लेकिन, जब अयोध्या संसदीय क्षेत्र के परिणाम घोषित हुए तो किसी को भी भरोसा नहीं हुआ कि जिस अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भाजपा अपनी पीठ ठोक रही थी उसी सीट पर सपा ने उसे हरा दिया। परिणाम घोषित होने के बाद अयोध्या के मतदाता कथित भाजपा समर्थकों के निशाने पर आ गए। अयोध्या निवासियों को गालियां दी गई, हजारों पोस्ट किए गए जिसमें अयोध्या निवासियों के लिए बेहद गंदे शब्दों का प्रयोग किया गया था। अयोध्या में लोगां के बहिष्कार को लेकर लाखों संदेश सोशल मीडिया पर फैलने लगे। इस दौरान सोशल मीडिया पर वह कहानियां भी आई जिसने अयोध्या में भाजपा की हार की जमीन तैयार की थी। खैर, अब तक औसत कथित कट्टर हिंदू अयोध्या के लोगों के लिए गालीगलौच और अपशब्द करने से रूक नहीं रहा है। लेकिन, गजब यह है कि फैजाबाद संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली अयोध्या विधानसभा क्षेत्र ने इस चुनाव में भी भाजपा का ही साथ दिया लेकिन अयोध्या के नाम के नीचे जब फैजाबाद संसदीय सीट ही छिप गई तो सारा गुस्सा अयोध्या पर निकल पड़ा।
भाजपा की अयोध्या से हार को लेकर भाजपा समर्थक इतना हो हल्ला मचाए हुए है कमाल की बात यह है कि अयोध्या ने भाजपा को हराया नहीं। इस फैजाबाद संसदीय सीट पर अयोध्या विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह चार हजार वोटों से आगे थे। राम मंदिर के दौरान अयोध्या को सजाने संवारने के लिए भाजपा ने अयोध्या के लोगों पर खूब जुल्म किए, जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त हुई, आरोप लगे कि अयोध्या में गुजराती मूल के लोगों ने खूब निवेश किया। स्थानीय लोगों से औने पौने दामों पर जमीन खरीद कर करोड़ों रूपए की जमीनें बेची गई। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि तमाम आलोचनाओं से परे अयोध्यावासियों ने भाजपा को खूब वोट दिए। एक तरफा तो नहीं लेकिन भाजपा अयोध्या विधानसभा से चार हजार वोटों से आगे रही। फैजाबाद संसदीय का प्रसार बहुत लंबा है, पांच विधानसभाओं में फैली इस संसदीय सीट में अयोध्या, बीकारपुर, रूदौली और दरियाबाद विधानसभा भाजपा के पास है जबकि सिर्फ आरक्षित मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद सपा विधायक है।
अयोध्या ने पिछले दो विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक चुन कर उत्तर प्रदेश विधानसभा में भेजा है। राम मंदिर निर्माण से पहले ही सदियों से अयोध्या दुनिया भर के हिंदुओं के आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद यह क्षेत्र पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। लेकिन, जब राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के चलते पूरा देश दंगों की भेंट चढ़ गया था तब भी अयोध्या शांत रहा। अयोध्या का मिजाज अलग किस्म का है, वह उत्तर प्रदेश के गर्म नरम मिजाज से इतर है। यूं ही नहीं राम जी वहां जन्में होंगे, शायद मर्यादा पुरूषोत्तम को भी पता था कि इस गर्म तपती धरा में ठंडे मिजाज वाला इलाका यही है।
करीब 4 लाख मतदाताओं वाली अयोध्या विधानसभा पिछले दो बार से भाजपा प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता को विजयी बनाकर विधानसभा भेज रही है। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता को 49 फीसदी से अधिक मत मिले हैं यानि अयोध्या भाजपा के लिए बहुत आसान कभी नहीं रही। यहां तक कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज नारायण पांडे जो कि दूसरे नंबर पर रहे थे उन्हें 2017 में जहां 26 फीसदी वोट पड़े थे वहीं 2022 में उन्हें 40 फीसद से भी अधिक वोट मिले थे। माना जाए कि 2017 के बाद समाजवादी पार्टी ने अयोध्या क्षेत्र में अपनी स्थिति में जहां सुधार किया वहीं भाजपा यथास्थिति बनाए रखने में सफल रही। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र फैजाबाद संसदीय क्षेत्र में आता है। फैजाबाद संसदीय सीट में चुनाव परिणाम में हार जीत को लेकर पिछले तीन चुनाव में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। इस बार विजयी रहे सपा के अवधेश प्रसाद को 5,54,289 वोट मिले जो कुल मत का 48 फीसद है। जबकि, जब 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा के लल्लू सिंह विजयी बने थे तो उन्हें 5,29,031 वोट मिले जो तब के कुल वोटों का 48 फीसद था, 2014 के ही लोक सभा चुनाव में विजेता भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को 4,91,761 वोट मिले थे जो उस वक्त के कुल मतदाताओं का 48 फीसद था।
ऐसा नहीं है कि अवधेश प्रसाद ने यह चुनाव यूं ही जीता हो। भाजपा अयोध्या क्षेत्र वाली इस संसदीय सीट को जीतने को लेकर बेहद संजीदा थी। राष्ट्रपति ने चुनाव से पहले यहां महत्वपूर्ण दौरा किया था। उस समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई रैलियां इस इलाके में कर चुके थे। अयोध्या विधानसभा वाली इस सीट को जीतना प्रतिकात्मक रूप से अति अनिवार्य था।
अयोध्या के मतदाताओं ने भाजपा को नहीं हराया, बल्कि इस बदलाव की छटपटाहट पूरे फैजाबाद क्षेत्र में थी। जब मतगणना पूरी हुई तो अयोध्या विधानसभा में भाजपा चार हजार मतों से आगे थी। यानि, अयोध्यावासियों ने भाजपा के पक्ष में मतदान तो किया लेकिन भारी मन से ही। अयोध्या के मतदाताओं को लेकर भाजपा समर्थकों का सोशल मीडिया पर यूं अश्लील टिप्पणी करना लोकतंत्र के लिहाज से बिल्कुल सही नहीं है।

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