मोदी शासन काल में कश्मीर में आतंकी हमलों में बढ़ोत्तरी
– दस सालों में ही उत्तराखंड के 93 जवान हुए हैं आतंकी हमलों में शहीद, पिछले पांच सालों में से देश भर के दो सौ से ज्यादा जवानों ने गंवाई हैं जान
Pen Point, Dehradun : जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमलों में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए। इससे पहले इसी साल अब तक कश्मीर में 15 आतंकी हमले हुए हैं जिसमें देश के अलग अलग हिस्सों के 9 वीर जवान शहीद हुए हैं। हालांकि, हाल के सालों में जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमलों और वीर जवानों की शहादत ने केंद्र सरकार के उन दावों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं जिनमें कहा गया है कि मोदी सरकार आने के बाद घाटी में आतंकी घटनाओं पर लगाम लगी है और अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा वापिस लेने के बाद आतंकी घटनाएं लगभग खत्म हुई है। केंद्र सरकार लगातार दावा करती रही है कि 2014 के बाद कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों और जवानों के शहीद होने की घटनाओं में कमी आई है लेकिन सरकार के आंकड़े ही सरकार के इन दावों को खारिज करते हैं।
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद दस सालों में जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है तो इन घटनाओं में जहां बड़े पैमाने पर आतंकी मारे गए हैं तो देश ने भी कई वीर जवानों को खोया है। अकेले उत्तराखंड से ही दस सालों में जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों में 93 वीर जवान शहीद हुए हैं। साल 2019 में फरवरी के महीने पुलवामा में सेना के काफिले पर हुआ आतंकी हमला हाल के सालों में कश्मीर घाटी में हुआ सबड़े बड़ा आतंकी हमला माना जाता रहा है। हालांकि, इसके बाद पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के इलाकों में सर्जिकल स्ट्राइक कर हमले में शामिल आतंकियों को ढेर करने का दावा किया गया। लेकिन 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद अगले पांच सालों में करीब 1067 आतंकी हमले हुए है जिसमें 182 वीर जवान शहीद हुए। हालांकि, इन आतंकी हमलों का देश के वीर जवानों ने जोरदार जवाब दिया और हमलें में शामिल 729 आतंकियों को मार गिराया। साल 2022 के जुलाई में हुए मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में एक सवाल के जवाब में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सदन को बताया था कि कि 2019 के बाद आतंकी हमलों और गतिविधियों में कमी आई है. जम्मू और कश्मीर में 2018 में 417 आतंकी हमले हुए थे, जो 2021 तक घटकर 229 हो गए थे। लोकसभा में दिए जवाब में मंत्री ने कहा कि था कि साल 2019 में 154 आतंकी मारे गए थे और 80 जवान शहीद हुए थे। जबकि, साल 2020 में जम्मू कश्मीर में 244 आतंकी हमले हुए जिनमें 221 आतंकी मारे गए और 62 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि, फरवरी 2019 में पुलवामा हमले से पहले 2014 से लेकर 2018 तक जब से मोदी सरकार केंद्र में है तब से जम्मू कश्मीर में जवानों, आम नागरिकों और आतंकियों की मौतों में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। साल 2014 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में 47 जवान शहीद हुए तो साल 2018 में 91 वीर जवानों ने कश्मीर घाटी में अपनी शहादत दी। 2014 से लेकर 2018 तक जम्मू कश्मीर में 1708 आतंकी हमले हुए यानि पुलवामा से पहले चार सालों में हर महीने औसतन 28 आतंकी हमले जम्मू कश्मीर में हुए।
Year | No. of terrorist incidents | No. of civilian killed | No. of Security Force personnel killed | No. of terrorist killed |
2014 | 222 | 28 | 47 | 110 |
2015 | 208 | 17 | 39 | 108 |
2016 | 322 | 15 | 82 | 150 |
2017 | 342 | 40 | 80 | 213 |
2018 | 614 | 38 | 91 | 257 |