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केदारनाथ विधानसभा में चुनौतियों के बीच फिर खिला कमल

Pen Point, Dehradun : केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को जीत हासिल हुई है। कई मायनों में अहम माने जा रहे इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 23130.वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के मनोज रावत को 5099.वोटों के अंतर से हराया। निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन चौहान ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाते हुए 9266 वोट बटोरे। चौहान को लेकर अटकलें भी लगाई जा रही थी कि वह कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएंगे। नतीजों से साफ है कि ये अटकलें सही साबित हुई हैं और केदारनाथ में भाजपा के खिलाफ माहौल के बावजूद उसे जीत हासिल हुई है।

केदारनाथ से विधायक रही शैला रानी रावत के दिवंगत होने के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव बेहद अहम माना जा रहा था। इससे पहले बद्रीनाथ सीट पर उपचुनाव हुआ था, जहां कांग्रेस ने बाजी मार ली थी। अयोध्या के बाद हिंदू आस्था के केंद्र बद्रीनाथ सीट हाथ से निकला भाजपा के लिये शुभ संकेत नहीं माना जा रहा था। ऐसे में केदारनाथ सीट का उपचुनाव भाजपा के लिये चुनौती माना जा रहा था। दिल्ली में केदारनाथ के नाम से मंदिर बनाए जाने, चारधाम यात्रा में अव्यवस्था और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस का पूरा कुनबा भाजपा पर हमलावर रहा। जिसमें उसे काफी कुछ सफलता भी मिलती दिख रही थी। कुल 18031 मत पाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत शुरूआत में काफी नजदीकी लड़ाई में दिखे। लेकिन तेरहवें राउंड तक भाजपा प्रत्याशी की जीत का अंतर पांच हजार वोट पार कर गया।

निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान ने सभी राजनीतिक पंडितों को चौंकाते हुए इस लड़ाई में तीसरा कोण बना दिया। उनके साथ चुनाव प्रचार में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार भी शामिल रहे। जिसके चलते युवाओं की बड़ी तादाद भी उनके पक्ष में नजर आई। कहा जा सकता है कि भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इस जीत में खास भूमिका निभाई। जबकि सरकार की ओर से किये गए जतन उतने काम नहीं आए। माना जा रहा है कि भले ही भाजपा की झोली में केदारनाथ सीट आ गई हो लेकिन इस चुनाव ने वोटरों के सरकार विरोधी रूख के संकेत दे दिये हैं।

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