जहालत: उत्तरकाशी के हैली क्रैश को अपनी बहादुरी की तस्वीर बता रहा पाकिस्तान
Pen Point. Dehradun : पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान बुरी तरह हलकान है। हर मोर्चे पर वह साफ तौर पर लाचार नजर आ रहा है। ऐसे में वहां का मीडिया और लोग अब फर्जी खबरों के सहारे खुद की सेना को बहादुर बताने पर तुले हुए हैं। वह लगातार इजराइल हमास, और रूस यूक्रेन की जंग की पुरानी तस्वीरों के जरिये सोशल मीडिया पर खुशफहमी पालने की कोशिश कर रहा है।
हद तो तब हो गई जब उसने बीते शुक्रवार को उत्तराशी के गंगनानी में पर्यटकों के हैलीकॉप्टर हादसे की दुखद तस्वीरों का भी खुूद को बहादुर बताने के लिये इस्तेमाल किया। ऐसी खबरों में गंगनानी में क्रैश हुए हैलीकॉप्टर की तस्वीरें दिखाई जा रही हैं और बताया जा रहा है कि इस भारतीय फाइटर प्लेन को पाकिस्तान को मार गिराया गया है।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र डसीला ने फेसबुक पर ऐसी पोस्ट की तस्वीरें चस्पा करते हुए फैक्ट चैक किया है कि- पाकिस्तान के लोग और मीडिया ग़ज़ब है , सामने तो लड़ नहीं सकते , इसलिए फर्जी ख़बरों से ख़ुद को बहादुर बता रहे हैं , भारत के फ़ाइटर प्लेन और ड्रोन को मार गिराये जाने की ख़बरें दिखा रहे हैं। उत्तरकाशी के हैलीकाप्टर हादसे को भी अपनी बहादुरी से जोड़ दिया । गजब हैं पाकिस्तानी । जिस फुटेज को दिखा रहे हैं उसमें साफ़ लिखा है की उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर हादसा , ये बता रहे हैं की फाइटर प्लेन और ड्रोन इन्होंने मार गिराया
इसके अलावा पाकिस्तान के झूठी बहादुरी के प्रोपोगेंडा को सोशल मीडिया पर जुबैर नाम के फैक्ट चेकर ने भी आईना दिखाया है। घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और ग्राफिक्स शेयर कर “कामयाब हमलों” और “भारतीय ठिकानों को तबाह करने” जैसे दावे किए। लेकिन इन दावों की सच्चाई को भारत के वरिष्ठ फैक्ट चेकर जुबैर अहमद ने तथ्यों के साथ उजागर किया।
जुबैर ने एक विस्तृत थ्रेड में पाकिस्तान द्वारा पोस्ट किए गए कई वीडियो और तस्वीरों की फोटो फॉरेंसिक जांच की और यह साबित किया कि—
कुछ वीडियो 2019 के बालाकोट हमलों या 2023 के बाढ़ के दौरान के थे।
एक फोटो जिसमें “भारतीय एयरबेस पर हमला” बताया गया, वह वास्तव में 2015 में यमन में हुए हमले की थी।
एक मिसाइल गिरने का वीडियो यूक्रेन-रूस युद्ध का फुटेज था जिसे उल्टा चलाकर पेश किया गया।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा:
“पाकिस्तान की मीडिया और सेना जनता को झूठे विजुअल्स दिखाकर भ्रमित कर रही है। यह न सिर्फ प्रोपेगैंडा है, बल्कि युद्ध के नाम पर एक साइकोलॉजिकल ऑपरेशन है जो अब खुद पाकिस्तानियों के लिए शर्मिंदगी का कारण बन रहा है।”
भले ही भारतीय सेना का मुख्य निशाना अब भी आतंकी ठिकाने ही हैं। जानकारी के मुताबिक भारतीय हमलों में अब तक 100 से अधिक आतंकी मारे जा चुके हैं। वहीं पाकिस्तान भारत के रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है। सैन्य मोर्च पर लड़ने की उसकी लाचारी साफ तौर पर नजर आ रही है, इसीलिये उसे अब फर्जी और मनगढं़त बातों का सहारा लेना पड़ रहा है।