उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में हेरफेर के बाद खेल मंत्रालय ने जारी किये कड़े निर्देश
Pen Point 23 May 2025 : युवा मामले एवं खेल मंत्रालय (भारत सरकार) ने राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय चौंपियनशिप में राज्य खेल संघों द्वारा राज्य के बाहर के खिलाड़ियों का उपयोग करने की हेरफेर को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अपने 19 मई 2025 के पत्र मे खेल मंत्रालय ने किसी भी राष्ट्रीय खेल और राष्ट्रीय चौंपियनशिप के शुरू होने और समाप्त होने से पहले मंत्रालय को अलग-अलग विवरण प्रस्तुत करने को कहा है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में कई बाहरी राज्यों के खिलाड़ी मैदान में थे और उन्होंने उत्तराखंड के लिए पदक जीते। इन खिलाड़ियों को अंतिम समय में लाया गया था और कई का उत्तराखंड से कोई संबंध नहीं था। खेलों में इस तरह का हेरफेर कर उत्तराखंड सरकार और खेल महकमे ने झूठी वाहवाही भी बटोरी थी।
राष्ट्रीय खेलों में इस तरह की मौजूदा प्रथा को समाप्त करने के लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय की नई गाइडलाइन में कहा गया है, “प्रतिभागियों के प्रवेश और प्रतियोगिता में राज्यों/टीमों के प्रतिनिधित्व के लिए पात्रता मानदंड प्रस्तुत करें, जिसमें एक राज्य/टीम से दूसरे राज्य/टीम में प्रतिनिधित्व के लिए प्रतिभागी की पात्रता के हस्तांतरण की प्रक्रिया और प्रोटोकॉल शामिल हैं (जिसमें किसी भी निवास/निवास मानदंड को पूरा करना और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना शामिल है)।”
राष्ट्रीय खेलों में किसी भी इवेंट को अचानक शामिल या छोड़े जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। व्हिसलब्लोअर और रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल और शिकायत निवारण उपायों को दृढ़ता से लागू किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय चौंपियनशिप के लिए
1) प्रतिभागी प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड।
2) यदि किसी राज्य की टीम को राष्ट्रीय चैपियनशिप के आगामी संस्करण में भाग लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है, तो लिखित स्पष्टीकरण।
3) राष्ट्रीय खेल महासंघ को प्रतिभागियों की सूची प्रस्तुत करनी होगी।
पहले बिंदु ‘प्रतिभागी प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड’ की तुलना उत्तराखंड के कई राज्य खेल संघों की मौजूदा स्थिति से करें, जो राज्य चौंपियनशिप की मेजबानी नहीं करते हैं और राष्ट्रीय चौंपियनशिप में भाग लेते हैं। इस नए नियम के साथ यह प्रथा पूरी तरह से समाप्त होने वाली है। यहां तक कि राज्य के बाहर के खिलाड़ियों का उपयोग करना भी मुश्किल हो जाएगा।