अंकिता भंडारी हत्याकांड : पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को आजीवन कारावास
कोटद्वार | 30 मई 2025 : उत्तराखंड की चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को अंतिम फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य सहित तीनों दोषियों को कठोर सजा सुनाई है।
माननीय न्यायालय ने मामले में दोषियों को हत्या, साक्ष्य मिटाने, छेड़छाड़ और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम (ITPA) के तहत अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं। साथ ही मृतका के परिजनों को ₹4 लाख रुपये प्रतिकर (मुआवज़ा) देने का आदेश भी दिया गया है।
📜 फैसले की प्रमुख बातें
1. पुलकित आर्य को मिली सजा:
धारा 302 (हत्या): कठोर आजीवन कारावास और ₹50,000 जुर्माना
धारा 201 (साक्ष्य मिटाना): 5 वर्ष कठोर कारावास और ₹10,000 जुर्माना
धारा 354A (छेड़छाड़): 2 वर्ष कठोर कारावास और ₹10,000 जुर्माना
धारा 3(1)(d) ITPA (अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम): 5 वर्ष कठोर कारावास और ₹2,000 जुर्माना
2. सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को मिली सजा:
धारा 302 (हत्या): कठोर आजीवन कारावास और ₹50,000 जुर्माना (प्रत्येक को)
धारा 201 (साक्ष्य मिटाना): 5 वर्ष कठोर कारावास और ₹10,000 जुर्माना
धारा 3(1)(d) ITPA: 5 वर्ष कठोर कारावास और ₹2,000 जुर्माना
परिजनों को न्याय: 4 लाख रुपये का प्रतिकर
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मृतका अंकिता भंडारी के परिजनों को ₹4 लाख रुपये का प्रतिकर (compensation) दिया जाए, ताकि उन्हें कुछ आर्थिक सहायता मिल सके। यह निर्णय उत्तराखंड के न्यायिक इतिहास में एक नज़ीर के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है मामला?
18 सितंबर 2022 की रात अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। आरोपियों ने उस पर अनैतिक कार्यों में शामिल होने का दबाव बनाया और विरोध करने पर उसे चीला नहर में धक्का देकर मार डाला। शव 24 सितंबर को बरामद हुआ था।
जांच के बाद पुलकित आर्य (रिज़ॉर्ट मालिक), सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता (रिज़ॉर्ट कर्मचारी) को गिरफ्तार किया गया था। SIT की गहन जांच, 47 गवाहों और 500 पन्नों की चार्जशीट के बाद यह फैसला आया है।