Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • Uttarakhand: विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली, पहले दिन पहुंचे 49 सैलानी

Uttarakhand: विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली, पहले दिन पहुंचे 49 सैलानी

Pen Point Dehradun: विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी एक बार फिर से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। एक जून, रविवार को घाटी के अंतिम पड़ाव घांघरिया से सुबह सात बजे पर्यटकों का पहला दल रवाना हुआ। पहले दिन कुल 49 पर्यटक घाटी में पहुंचे, जिनमें 45 ने ऑफलाइन और चार ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था।

प्रकृति प्रेमियों के बीच विश्वविख्यात फूलों की घाटी हर साल 1 जून से 31 अक्तूबर तक सैलानियों के लिए खोली जाती है। यह घाटी अपनी रंग-बिरंगी फूलों की विविधता और अनोखे प्राकृतिक सौंदर्य के कारण न केवल देश, बल्कि विदेशों से भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।

जुलाई और अगस्त में होता है पीक सीजन
वन विभाग के अनुसार, घाटी में जुलाई-अगस्त के दौरान करीब 350 प्रजातियों के फूल खिलते हैं। पूरे सीजन में यह संख्या 500 से अधिक हो जाती है। यही कारण है कि यह महीनों को घाटी का पीक सीजन माना जाता है।

व्यवस्थाएं पूरी, अस्थायी पुलिया भी तैयार
घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि घाटी को खोलने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। बर्फबारी के कारण टूटे रास्तों की मरम्मत कर दी गई है और जहां ज़रूरत थी, वहां गदेरे (नाले) पर अस्थायी पुलिया भी बना दी गई हैं, ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

ऑनलाइन पंजीकरण की नई सुविधा
इस बार पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू की गई है। अब पर्यटक पहले से ही अपनी यात्रा की योजना बनाकर घर बैठे पंजीकरण कर सकते हैं।

घाटी की जैव विविधता है अनोखी
फूलों की घाटी को 2005 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह घाटी लगभग 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है और यहाँ केवल फूलों की नहीं, बल्कि दुर्लभ वनस्पतियों, तितलियों और पक्षियों की भी भरमार है। फूलों की घाटी की यात्रा के लिए पर्यटकों को उपयुक्त शारीरिक तैयारी और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। प्लास्टिक और कचरा फैलाने पर सख्त प्रतिबंध है।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required