सभी मदरसों की होगी जांच, अनैतिक कार्य पर तुरंत कार्रवाई, सीएम ने दिये निर्देश
Pen Point, Dehradun : नैनीताल जिले में बच्चों की खराब हालत के लिये जिम्मेदार मदरसे को बंद किये जाने की घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने राज्य में चल रहे सभी मदरसों की जांच शुरू करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्मंत्री की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि जहां भी कोई अनैतिक कार्यष्किया जा रहा हो, वहां तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए। इस मामले पर गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं। उललेखनीय है कि रविवार को, नैनीताल के वीरभट्टी मदरसे में पढ़ने वाले एक बच्चे के माता-पिता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, जिला प्रशासन की ओर से गठित एक टीम ने परिसर की तलाशी ली थी। वहां बच्चों के लिये हालात को बेहद खराब और अमानवीय देखते हुए मदरसे को बंद कर दिया गया। टीम के मुताबिक वहां रहने वाले बच्चे बिना किसी चिकित्सा सुविधा के अस्वच्छ परिस्थितियों में रहते पाए गए। जिला प्रशासन के अनुसार, कुछ बच्चों ने मदरसा अध्यक्ष के बेटे पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने, उन्हें गलत तरीके से छूने और उनकी पिटाई करने का आरोप लगाया।
इस बाबत हलद्वानी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह का बयान भी आया है। जिसके अनुसार मदरसा 2010 से चल रहा था लेकिन आधिकारिक तौर पर पंजीकृत नहीं था। निष्कर्षों के बाद, मदरसा मालिक और उसके बेटे के खिलाफ आईपीसी, किशोर न्याय अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POSCO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
दूसरी ओर मदरसा मालिक ने आरोपों से इनकार कर रहा है। उसका कहना है कि वे बच्चों को अच्छी शिक्षा और रहने की स्थिति प्रदान कर रहे थे, लेकिन उनमें से कुछ ने शिकायत दर्ज कराई होगी। “हम हर साल उनके बिस्तर बदलते हैं, हम पीने का पानी उबालते हैं। बच्चों की पिटाई के आरोप गलत हैं। हम बच्चों को चिकित्सा उपचार प्रदान करते हैं।
फिलहाल मुख्यमंत्री ने बच्चों को खराब हालात में मदरसे में रखे जाने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को इस संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दिये। सीएम के निर्देशानुसार अब राज्य के सभी मदरसों की जांच की तैयारी शुरू कर दी गई है।
पूर्व समाज कल्याण मंत्री ने भी दिये जांच के निर्देश
वर्तमान में उत्तराखंड में कुल 419 मदरसे चल रहे हैं। जिनमें से से 192 मदरसे सरकारी मदद से संचालित हो रहे हैं। मदरसों से इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें मिलती रही हैं। इसी साल 12 फरवरी को तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री स्व. चंदनराम दास ने भी मदरसों की जांच के निर्देश दिए थे। जिसके लिये तीन सदस्यों की समिति बनाई गई थी। समिति को मदरसों को शिक्षा विभाग की मान्यता संबंधी जांच करने के निर्देश दिये गए थे। हालांकि एक महीने का समय दिये जाने के बावजूद जांच का अभी तक कुछ पता नहीं है।