अस्कोट से आराकोट: पहाड़ को संजीदगी से समझना है तो ये अनूठी यात्रा आपके लिये है
Pen Point, Dehradun : 1974 में शुरू हुआ अस्कोट-आराकोट अभियान अपने पांचवें पड़ाव पर पहुंच गया है। उत्तराखंड के गांव समाज और संस्कृति को समझने और इनमें आ रहे बदलावों की पड़ताल के उद्देश्य से यह यात्रा की जाती है। जिसमें समाज, संस्कृति और पर्यावरण जैसे विषयों में गहरी रूचि रखने वाले लोग शामिल हो सकते हैं। यह यात्रा सैर सपाटे और पिकनिक नहीं बल्कि सामाजिक चेतना जगाने के लिये एक जनयात्रा के रूप में की जाती है। इस बार यह यात्रा श्रीदेव सुमन की जयंती पर 25 मई को नेपाल सीमा से लगे अस्कोट के पांगू से शुरू होगी। राज्य के पूर्वी छोर पर पिथौरागढ़ जिले के सीमांत अस्कोट से यह या़त्रा पश्चिमी छोर पर हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे आराकोट तक का सफर तय करती है। खास बात ये है कि उत्तराखंड के सभी पहाड़ी जिलों से यह यात्रा गुजरती है।यात्रा का शेड्यूल जारी कर दिया गया है, जिसके अनुसार इच्छुक लोग अपनी सुविधा के हिसाब से विभिन्न स्थानों पर यात्रा से जुड़ सकते हैं। बीते दिनों यात्रा के संयोजक और प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ.शेखर पाठक ने मीडिया से यात्रा को लेकर जानरियों साझा की। जिसके मुताबिक 1150 किमी की यात्रा में देश के कई विश्व विद्यालयों के शिक्षक, छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, छायाकारों सहित विदेशी यात्री भी शामिल होंगेे। इस यात्रा में 45 दिन लगेंगे। यात्रा का नेतृत्व करने जा रहे पद्मश्री डा. शेखर पाठक ने बताया कि अभियान के दौरान यात्री 350 से अधिक गांवों में जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण, पलायन, रीति-रिवाज आदि का अध्ययन करेंगे।
मुख्य दल का कार्यक्रम कुछ इस तरह है-
जिला पिथौरागढ़
25 मई, शनिवाररू संग्रामी श्रीदेव सुमन का जन्मदिवस- अपरान्ह 11 बजे पांगू में शंश्यै-गबला मंदिर प्रांगण में यात्रा की शुरुआत और शुभकामना समारोह। तत्पश्चात ठानीधार होते हुए तवाघाट और एलागाड़ खेला, पलपला, स्यांकुरी / तपोवन
26 मई, रविवाररू धारचूला, कालिका बलुवाकोट।
27 मई, सोमवाररू खाटी बगड़, गागरा, बिन्या गांव, ढूंगातोली, किमखोला, जौलजीबी, थाम, गर्जिया, नारायन नगर।
28 मई, मंगलवाररू नारायणनगर 10 बजे अपरान्ह राजकीय इंटर कालेज नारायणनगर में समारोह। अस्कोट, गर्जिया, बलमरा।
(देर से पहुचने वाले नये सदस्य नारायन नगर से यात्रा शुरू कर सकते है और जो लौटना चाहते है वे यहाँ पर यात्रा समाप्त कर सकते हैं)
29 मई, बुधवाररू चिफलतड़ा, तोली, खणपैरा, घट्टाबगड़, बरम, चामी, मणवाल, लुम्ती, छोरीबगड़
30 मई, बृहस्पतिवाररू बंगापानी, शिलंग, खरतोली, मवानी-द्वानी, सेरा, टांगा, मदकोट मुनस्यारी।
(मुनस्यारी से जुड़ने वाले नये सदस्य यहाँ से आगे की यात्रा शुरू कर सकते है और जो लौटना चाहते है वे यहाँ पर यात्रा समाप्त कर सकते हैं)
31 मई, शुक्रवाररू मुनस्यारी के आसपास के गाँव, स्कूलों में कार्यक्रम
1 जून, शनिवाररू हरकोट, पातालथौड़ा, कालामुनी, गिरगांव, बिर्थी-भुर्तिंग, केठी, बला
2 जून, रविवाररू रुगेरू खरक, गैलगाड़ी खरक, धारापानी टॉप, नामिक।
(इस मार्ग पर तथा इस घाटी में पिथौरागढ़ जिले का अंतिम गांव)
जिला बागेश्वर
2 जून, रविवाररू कीमू (बागेश्वर जिले का पहला गांव)
3 जून, सोमबाररू छुलोरिया खरक, लमतरा खरक, भैंसिया खरक, लाहुर
4 जून, मंगलवाररू सूपी, तताई, गासी गांव, घुरकोट, सुमगढ़, चौड़ाथल, कैठी, कर्मी
5 जून, बुधवाररू कर्मी में पर्यावरण दिवस में हिस्सेदारी, सुराग, पटाख, तीक, दौला, बदियाकोट।
(अभियान के बीच में जुड़ने वाले नए यात्री कर्मी से अभियान दल के साथ यात्रा शुरू कर सकते है और जो लौटना चाहते है वे यहाँ पर यात्रा समाप्त कर सकते हैं)
6 जून, बृहस्पतिवाररू बौरा खरक, बोर बलड़ा, समदर, भरड़काण्डे
7 जून, शुक्रवाररू राजखरक (बागेश्वर जिला समाप्त)
जिला चमोली
7 जून, शुक्रवाररू मानातोली बुग्याल (चमोली जिला आरम्भ) दुलाम खरक, हिमनी, घेस
8 जून, शनिवाररू बलाण, मौनी खरक, आली बुग्याल /खर
9 जून, रविवाररू वेदिनी बुग्याल, वान, कनोल, सुतोल
(अभियान के बीच में जुड़ने वाले नए यात्री वान से अभियान दल के साथ यात्रा शुरू कर सकते है और जो लौटना चाहते है वे यहाँ पर यात्रा समाप्त कर सकते हैं)
10 जून, सोमवाररू सुतोल, पैरी, गेरी, आला
11 जून, मंगलवाररू पढेर गांव, रामणी, झिंझी
12 जून, बुधवाररू पाणा, इराणी, कुँआरीखाल, दाणू खरक, राखैली खरक, करछी
13 जून, बृहस्पतिवाररू ढाक तपोवन, रैंणी (चिपको आन्दोलन तथा गौरादेवी का गाँव), वापस तपोवन
14 जून, शुक्रवाररू बड़ा गांव, जोशीमठ, हेलंग।
15 जून, शनिवाररू डुंगरी, बरोसी, सलड़ डुंगरा, पाताल गंगा, पीपलकोटी, हाटगांव, छिनका, गोपेश्वर (चिपको का प्रारम्भिक केन्द्र)
(जो यात्री लौटना चाहते है वे गोपेश्वर में यात्रा समाप्त कर सकते हैं और नए यात्री यहाँ पर शामिल हो सकते हैं)
16 जून, रविवाररू आस पास के गांवों तथा बछेर भ्रमण तथा गोपेश्वर में विश्राम
17 जून, सोमवाररू खल्ला, मण्डल (चिपको प्रतिरोध स्थान), बदाकोटी, बैरागणा
18 जून, मंगलवाररू भैंस खरक, कांचुला खरक (कस्तूरा मृग विहार), चोपता
जिला रुद्रप्रयाग
19 जून, बुधवाररू ताला, सारी, उसाड़ा, मस्तूरा, सिरतोला, कन्यागांव, किमाणा गांव, मक्कू, उखीमठ
20 जून, बृहस्पतिवाररू गुप्तकाशी, नाला, हृयूणा, नारायणकोटी, ज्यूराणी, ब्यूजगाड़, मेखण्डा, फाटा (चिपको आंदोलन क्षेत्र)
21 जून, शुक्रवाररू बड़ासू, शेरसी, रामपुर, सीतापुर, त्रिजुगीनारायण
22 जून, शनिवाररू मग्गू चट्टी, किंगखोला (जिला रुद्रप्रयाग सीमा समाप्त)
जिला टिहरी
22 जून, शनिवाररू राजखरक (जिला टिहरी सीमा प्रारम्भ) पंवाली खरक
23 जून, रविवाररू पंवाली खरक, दोफन्द खरक, पोबामी खरक, प्याओ खरक, गवाणा, ऋषिधार, घुत्तू
24 जून, सोमवाररू सांकरी, हितकूड़ा, भटगांव, बजिंगा, भैरो चट्टी, कल्दी चट्टी, भेटी, खवाड़ा (भूकंप प्रभावित क्षेत्र)
25 जून, मंगलवाररू विनकखाल, कुण्डियाला, डालगांव, तिसदमाणा, बूढ़ाकेदार
26 जून, बुधवाररू आगर, नेवाल गांव, मेड़ (जिला टिहरी की सीमा समाप्त)
जिला उत्तरकाशी
ब्रह्मपुरी (जिला उत्तरकाशी सीमा आरम्भ), खाल, कमद
27 जून, बृहस्पतिवाररू रक्तिया, कुमारकोट, भड़कोट, भेटियारा, दिखेली, सौड़, चौरंगीखाल, लदाड़ी (वनान्दोलन क्षेत्र), जोशियाड़ा
28 जून, शुक्रवाररू उत्तरकाशी (भूकंप प्रभावित क्षेत्र)
29 जून, शनिवाररू उत्तरकाशी नगर तथा वरुणावत भूस्खलन का सर्वेक्षण
30 जून, रविवाररू भूकम्प प्रभावित गाँवों का भ्रमण
(जो यात्री लौटना चाहते है वे उत्तरकाशी में यात्रा समाप्त कर सकते हैं और नए यात्री यहाँ पर शामिल हो सकते हैं)
1 जुलाई, सोमवाररू बड़ेथी, मातली, नाकुरी, बरसाली, गढ़, फलांचा खरक
2 जुलाई, मंगलवाररू राजतर, बड़कोट, कोटी बनाल, कृष्ण गांव, तुनाल्का, नौगांव
3 जुलाई, बुधवाररू छुड़ोली, वीणीगधेरा, चन्देला, पुरोला कस्बा
4 जुलाई, बृहस्पतिवाररू पुरोला गांव तथा आसपास के गांव
5 जुलाई, शुक्रवाररू अगोड़ा, मोल्टाड़ी, पीरा, जरमोलाधार, खरसाड़ी, मोरी
6 जुलाई, शनिवाररू पहला दलरू सान्द्रा, खूनी गाड़, बडियार, हनोल, बढ़ोत्तरा
जिला देहरादून
6 जुलाई, शनिवाररू दूसरा दलरू चातरीगाड़, कोटी, कूणा, महेन्द्रथ
जिला उत्तरकाशी तलवाड़ (उत्तरकाशी)
7 जुलाई, रविवाररू सैंज, ट्यूणी, पेगाटू, भारगढ़ी, कढंग, जिराड़,
7 जुलाई, रविवाररू पन्द्राणू (हिमाचल प्रदेश),
जिला उत्तरकाशी आराकोट (उत्तरकाशी)। हिमाचल के साथियों सहित सभी यात्रियों का स्वागत
8 जुलाई, सोमवाररू राजकीय इंटर कालेज, आराकोट में बातचीत और समापन समारोह (10 बजे प्रातः) मुख्य मार्ग की यात्रा समाप्त।