बीस साल बाद भगत ‘दा’ के साथ गांव पहुंची सड़क की मंजूरी
-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का गांव अब आखिरकार सड़क से जुड़ सकेगा।
PEN POINT DEHRADUN : प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, नैनीताल संसदीय सीट से सांसद रहे, हाल ही में महाराष्ट् के राज्यपाल पद से रिटायर होकर गांव लौटे भगत सिंह कोश्यारी की गांव वापसी के बाद ही उनके गांव तक सड़क पहुंचने की राह खुल सकी है। शासन की ओर से भगत सिंह कोश्यारी के गांव खेमिला को सड़क से जोड़ने के लिए 64 लाख रूपये की धनराशि जारी कर दी है। अब भगतदा के गांव लौटने के बाद सड़क भी उनके गांव तक पहुंचने वाली है।
बागेश्वर के कपकोट विधानसभा के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत नामतीचेताबगड़ साल 2001 में तब सड़क से जुड़ा था जब ग्राम पंचायत के मूल निवासी भगत सिंह कोश्यारी नए नए बने राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। मुख्यमंत्री बनते ही ग्राम पंचायत नामतीचेताबगड़ तक सड़क तो पहुंच गई लेकिन इस ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले व भगत सिंह कोश्यारी के मूल गांव खेमिला तक सड़क नहीं पहुंच सकी। इस बीच 2002 में राज्य में भाजपा विधानसभा चुनाव हार गई। करीब दो दशक बीत गये, इस बीच भगत सिंह कोश्यारी सांसद भी रहे, महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे लेकिन खेमिला के ग्रामीणों को नामतीचेताबगड़ गांव से डेढ़ किमी की पैदल दूरी तय कर ही आवाजाही करनी पड़ी।
करीब दो दशक से सड़क का इंतजार कर रहे खेमिला के ग्रामीणों का इंतजार भी तब पूरा हुआ जब भगत सिंह कोश्यारी भी अपनी सियासी पारी पूरी कर आखिरकार गांव लौट आए। महाराष्ट्र से राज्यपाल पद छोड़ने के बाद जबसे भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड लौटे थे वह लगातार कह रहे थे कि वह राजनीति से दूरी बनाकर वापिस गांव लौटेंगे। लेकिन महीने भर देहरादून में रहने के दौरान उनके अगले कदम के बारे में राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं तैरती रही। आखिरकार बीते सप्ताह भगत सिंह कोश्यारी अपने लावलश्कर के साथ अपने गांव खेमिला पहुंच ही गए। उन्हें भी नामतीचेताबगड़ से अपने गांव तक डेढ़ किमी की पैदल चढाई चढ़कर गांव पहुंचना पड़ा था। उनकी पैदल चलती फोटो भी इंटरनेट पर खूब वायरल हुई। लोगों ने अस्सी की उम्र में भगत सिंह कोश्यारी की चाल की तारीफ भी की तो कईयों ने तंज भी कसा कि महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर रहने के बावजूद उन्हें आज भी गांव तक पैदल ही जाना पड़ रहा जबकि इस दौरान राज्य के ज्यादातर गांव सड़क मार्ग से जुड़ चुके थे।
खैर, भगत सिंह कोश्यारी के गांव लौटने पर ग्रामीणों ने भी उनका जोर शोर से स्वागत किया। उनके गांव लौटते ही अगला दिन ग्रामीणों के लिए दो दशक पुरानी मुराद भी पूरी करने का संदेश लेकर आया। उत्तराखंड शासन की ओर से भगत सिंह कोश्यारी के गांव खेमिला को नामतीचेताबगड़ से मोटर मार्ग को जोड़ने के लिए 67.56 लाख रूपये की धनराशि जारी कर दी गई। अब राज्य योजना के अंतर्गत जल्दी ही इस मोटर मार्ग की निविदा जारी कर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।