उप चुनाव : बागेश्वर में क्या है चुनावी सीन?
PEN POINT, देहरादून : बागेश्वर उपचुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गयी है। राज्य के दोनों दलों बीजेपी और कांग्रेस ने अपने- अपने प्रत्याशी घोषित कर लिए हैं। जिसमें राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने सुरक्षित शीट बागेश्वर से पूर्व विधायक और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे दिवंगत चन्दन राम दास की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है।
बागेश्वर उपचुनाव: पार्वती दास ने किया नामांकन !
बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास का बुधवार को नामांकन हो गया है। साफ़ है कि बीजेपी ने इस चुनाव को सीधे सहानुभूति की लहर में जीतने का फैसला किया। वहीँ कांग्रेस इस चुनाव को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में लाने के लिए हर एक मुमकिन कोशिश में जुट गयी है। पार्टी ने इस उपचुनाव के लिए बसंत कुमार को उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस प्रदेश संगठन ने बागेश्वर उपचुनाव को लेकर काफी मत्था-पच्ची की और 2022 के विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे ठीक-ठाक जनाधार वाले बसंत कुमार को पार्टी में लाया गया। इसके अलावा पूर्व में बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े भैरव टम्टा ने भी पार्टी ज्वाइन कर ली है। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे रणजीत दास ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है।
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कांग्रेस ने यहाँ प्रदीप टम्टा और यशपाल आर्य को एक मंच पर ला कर खड़ा कर दिया है। दोनों नेताओं को इस चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। वहीँ भराव टम्टा के आने से भी कांग्रेस के वोटो में इजाफा होगा। जबकि पार्टी प्रत्याशी बसंत कुमार यहाँ जबर्ज़स्त जनाधार रखते हैं। यही वजह रही कि प्रदेश नेतृत्वा ने उन्हें आम आदमी पार्टी से कांग्रेस में ला कर चुनाव लड़ाने का फैसला लिया।
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कौन हैं बसंत कुमार ? जो हैं कांग्रेस के प्रत्याशी बागेश्वर उपचुनाव में !
कांग्रेस के प्रत्याशी बसंत कुमार पिछले तीन चुनाव से पार्टियां बदलते रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2017 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लड़ा। चुनाव बाद उन्होंने फिर पाला बदला। वर्ष 2022 का चुनाव आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ा। इस बार उपचुनाव में वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस में शामिल होने के बाद बसंत ने कहा कि कांग्रेस सांविधानिक सोच वाली पार्टी है। पार्टी लोकतंत्र पर विश्वास करती है। विधानसभा का उप चुनाव पूरे दमखम और ताकत के साथ लड़ा जाएगा।
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वहीँ बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास के साथ पार्टी संगठन, मोदी के नाम का वोट, राज्य सरकार की ताकत और उनके दिवंगत पति चंदन रामदास की राजनीतिक विरासत और उनकी मौत से बनी सहानुभूति बड़ा कारक मानी जा रही है। वहीँ कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा इस चुनाव की पूरी जिम्मेदारी को अपने कंधो पर लिए हुए हैं ।
राज्य में अब तक हुए उपचुनावों में सत्ताधारी पार्टी की जीत दोहराई जाती रही है। ऐसे में आम धारणा यही होती है कि रूलिंग पार्टी की जीत तय मानी जाती है। लेकिन जिस तरह से विपक्ष इस चुनाव को इस लिए भी हलके में नहीं लेना चाहता है कि उसे इस चुनाव से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा सन्देश देने के दबाव को कम करना है।
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2022 के विधानसभा चुनाव में चन्दन राम दास को बागेश सीट पर 32211 वोट मिले वहीँ कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत दास को 20017 वोट मिले। जबकि आप आदमी पार्टी से उम्मीदवार रहे बसंत कुमार को 16106 और निर्दलीय भैरव टम्टा को 1877 मत हासिल हुए थे। कांग्रेस ने इसी आंकड़े को ध्यान में रखते हुए । बसंत कुमार को अपने पाले में ला कर यहाँ इस उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है।
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