जयंती विशेष : कौन कहता है मोहन उप्रेती मर गया है!
-लोक के चितेरे मोहन उप्रेती की पुण्यतिथि (6 जून, 1997) पर स्मरण चारू तिवारी, (सोशल एक्टिविस्ट, स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक) उस शाम मैं गुजर रहा था उद्दा की दुकान के सामने से, अचानक दुकान की सबेली में खड़े मोहन ने आवाज दी- ‘कहां जा रहा है ब्रजेन्द्र? यहां तो आ।’ [...]