केदारनाथ में वीआईपी दर्शन को लेकर बवाल, कर्मचारी से मारपीट का आरोप
रुद्रप्रयाग | 29 मई 2025: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के दौरान एक बार फिर केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन व्यवस्था और पुलिस रवैये को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। वहीं दूसरी ओर तृतीय केदार तुंगनाथ के बेस कैंप चोपता में घोड़ा-खच्चर संचालन को लेकर दो गांवों के बीच झड़प सामने आई है।
केदारनाथ में हेलीकॉप्टर कर्मी ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप
बुधवार को केदारनाथ मंदिर परिसर में चार्टर्ड हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़े कर्मचारी अक्षित नेगी और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक और मारपीट का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में अक्षित नेगी ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने न केवल उससे मारपीट की, बल्कि चौकी में ले जाकर अभद्रता भी की।
मामले पर तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने पुलिस पर निरंकुश व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि युवक के साथ अनावश्यक बल प्रयोग किया गया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सीओ केदारनाथ से मामले की विस्तृत जानकारी ली गई है और जांच शुरू कर दी गई है। मंदिर परिसर और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में दोनों पक्षों को चोट लगने की पुष्टि हुई है।
चोपता में घोड़ा-खच्चर संचालन को लेकर दो गांवों में भिड़ंत
इसी दिन तुंगनाथ यात्रा मार्ग के बेस कैंप चोपता में घोड़ा-खच्चरों को लेकर ग्राम पंचायत मक्कू और ग्राम पंचायत उषाड़ा के ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि घोड़ा संचालन के अधिकार को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद लाठी-डंडे चले, जिसमें एक घोड़ा गंभीर रूप से घायल हो गया।
उषाड़ा के पूर्व ग्राम प्रधान कुंवर सिंह बजवाल ने आरोप लगाया कि चोपता क्षेत्र उनके हक-हकूक में शामिल है, और वन विभाग से पहले ही बातचीत की जा चुकी थी। उन्होंने दावा किया कि जब उनके गांव के लोग घोड़ा-खच्चर लेकर चोपता पहुंचे, तो मक्कू के ग्रामीणों ने हमला कर उन्हें भगा दिया।
वहीं, चोपता घोड़ा-खच्चर यूनियन के अध्यक्ष दिलवर सिंह नेगी ने पलटवार करते हुए कहा कि अप्रैल में वन विभाग के साथ हुई बैठक में उषाड़ा गांव का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था, और अब यात्रा के बीच में आकर वे व्यवधान पैदा कर रहे हैं।
पुलिस चौकी प्रभारी सतीश शाह ने बताया कि दोनों पक्षों से लिखित तहरीर प्राप्त हुई है, और मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में प्रशासन
चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं पहले ही दबाव में हैं। वीआईपी दर्शन, हेलीकॉप्टर संचालन, और स्थानीय विवादों के बीच प्रशासनिक समन्वय की कमी एक बार फिर उजागर हुई है। श्रद्धालुओं की भीड़ और संवेदनशील पर्वतीय मार्गों पर कानून-व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
यात्रा के दौरान इस तरह की घटनाएं न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को चोट पहुंचाती हैं, बल्कि प्रदेश की छवि और पर्यटन व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन जांच के बाद क्या ठोस कार्रवाई करता है और क्या ऐसे विवादों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।