चारधाम यात्रा: श्रद्धालुओं के सैलाब के बीच 16 दिनों में 56 यात्रियों की मौत
Pen Point, Dehradun : इस बार चार धाम यात्रा में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। यात्रा शुरू होने से अब तक सोलह दिनों में 56 श्रद्धालु दम तोड़ चुके हैं। अधिकांश मौतों की वजह हार्ट अटैक और फेफड़ों से जुड़ी बीमारी बताई जा रही है। बीते शुक्रवार को ही चार यात्रियों की मौत हुई है। हालांकि सरकार और प्रशासन यात्रा पर निगरानी रखे हुए है। लेकिन इस बार यात्रियों की तादाद में हुई बेतहाशा बढ़ोत्तरी के कारण हालात पूरी तरह नियंत्रण में नहीं दिख रहे हैं।
यात्रा के दौरान दम तोड़ने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर गौर करें तो इनमें पचास साल से ज्यादा उम्र के 40 यात्री शामिल हैं। सबसे ज्यादा 23 मौतें केदारनाथ धाम की यात्रा में हुई हैं। करीब 19 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई के कारण यहां बाहर से आने वाले यात्रियों का दम फूल रहा है। इसके अलावा सोनप्रयाग, सीतापुर और गौरीकुंड जैसे यात्रा पड़ावों पर बहुत ज्यादा भीड़ भी परेशानी का सबब बन रही है।
केदारनाथ के बाद बदरीनाथ में 14, यमुनोत्री में 12 और गंगोत्री में 3 यात्रियों की जान गई है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इस क्षेत्र में ठंड के साथ ऑक्सीजन की कमी से सांस से जुड़ी परेशानियां होती हैं।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय यात्रा के दौरान 52 श्रद्धालुओं के मौत की पुष्टि कर चुके हैं। उनके मुताबिक मृतकों में अधिकांश यात्री 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। उन्होंने कहा कि उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सबसे अधिक ध्यान सुरक्षित यात्रा पर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि चारों धामों में साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर हो। इसके लिए दो विशेष अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश भी दिये गये हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घण्टे में रिपोर्ट भेजेंगे। इस दौरान गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि अबतक 9 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।