चारधाम यात्रा: तीन दिन में ही हांफने लगा प्रशासन, यात्रा छोड़ लौट रहे तीर्थयात्री
– तीर्थयात्री फंसे जाम में, गंगोत्री यमुनोत्री धाम में पसरा सन्नाटा, केदारनाथ के बाद अब गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने किया बंद का एलान
Pen Point, Dehradun : चारधाम तीर्थ यात्रा शुरू हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि यात्रा के संचालन में प्रशासन हांफने लगा है। यात्रा संचालन के लिए नए प्रयोग देश विदेश से पहुंच रहे तीर्थयात्रियों के लिए मुसीबत बन गए हैं। गंगोत्री धाम यात्रा में गेट सिस्टम के चलते बीते सोमवार की रात हजारों तीर्थयात्रियों को जाम में अपने वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ी। आलम यह था कि कई किमी लंबे जाम की वजह से तीर्थयात्री गंगोत्री धाम नहीं पहुंच सके और गंगोत्री में मंगलवार सुबह पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। अब प्रशासन के असफल तंत्र के खिलाफ गंगोत्री धाम के पुरोहित और व्यवसायियों ने मंगलवार को बंद का एलान किया है। वहीं, प्रशासनिक इंतजामों के कारण पैदा हुई दुश्वारियों के चलते सैकड़ों तीर्थयात्री अपनी यात्रा आधे रास्ते से ही खत्म कर वापस लौट रहे हैं।
10 मई को जब केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे थे तो उससे पहले तक राज्य सरकार यात्रा को सरल सुगम बनाने के नाम पर दर्जनों बैठक कर चुकी थी। उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली का प्रशासन यात्रा पड़ावों का दौरा कर रहा था और लंबी लंबी बैठकों में यात्रा व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश जारी कर रहा था। बीते साल राज्य में चारों धाम में करीब 56 लाख तीर्थयात्री आए थे इस बार उम्मीद थी कि यह रेकार्ड भी टूटेगा लिहाजा लंबे जाम से निपटने, भीड़ नियत्रंण समेत यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं पर खूब बैठकें होती रही। अब चारों धाम के कपाट खुल चुके हैं और हजारों तीर्थयात्री रोजाना इन धामों में पहुंच भी रहे हैं। लेकिन, चारधाम के कपाट खुलने के साथ ही सरकार और प्रशासन के दावों की भी पोल खुल गई। चारों धामों में रोजाना आने वाले यात्रियों की संख्या निर्धारित करने, यात्रा पूर्व पंजीकरण के बावजूद भी प्रशासन भीड़ नियंत्रण और जाम वाली स्थिति से निपट नहीं पा रहा है। यात्रा को शुरू हुए चार दिन भी नहीं बीते है कि चारधाम आने वाले यात्रियों को सड़कों पर ही जाम में 20-20 घंटे फंसे रहना पड़ा। बीते सोमवार को ही गंगोत्री धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को गंगनानी से लेकर हर्षिल तक 20 घंटे जाम में फंसा रहना पड़ा। आलम यह था कि पूरी रात यात्रियों ने अपने वाहनों में गुजारी। वहीं, तीर्थयात्रियों के जाम में फंसे रहने से मंगलवार सुबह गंगोत्री में पूरी तरह से सन्नाटा रहा। तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर गंगोत्री धाम बाजार बंद रखा। इससे पहले अव्यवस्थाओं को लेकर 11 मई को केदारनाथ में भी व्यवसायियों ने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे, यात्रियों को खाना और पानी तक नहीं मिल सका। वहीं, यमुनोत्री में भारी भीड़ की तस्वीरें जब इंटरनेट पर वायरल हो गई तो आनन फानन में प्रशासन ने यमुनोत्री में भीड़ नियंत्रण के नाम पर यात्रियों को जगह जगह रोकना शुरू कर दिया। जिसके बाद यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी लंबा जाम लग गया और यात्रियों को 18 से 20 घंटे वाहनों में गुजारने पड़े। प्रशासनिक अव्यवस्थाओं को देखते हुए कई यात्रियों ने यात्रा बीच में छोड़ वापस लौटना ही बेहतर समझा।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में सोमवार शाम तक करीब 80172 तीर्थयात्री पहुंच चुके थे जबकि हजारों तीर्थयात्री अभी भी जगह जगह फंसे हुए हैं। वहीं दोनों धामों में उमड़ रही भीड़ से जिला प्रशासन के भी हाथ पांव फूले हुए हैं। जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि यात्रा को सरल सुगम बनाने के लिए गेट सिस्टम शुरू किया गया जिससे वाहनों को जाम में न फंसना पड़े लेकिन वाहनों के बड़ी संख्या में आने से यह स्थिति पैदा हुई है जबकि उत्तरकाशी से गंगोत्री तक हाईवे की चौर्ड़ा भी बहुत कम है लेकिन प्रशासन मुस्तैदी से चौबीसों घंटे यात्रा के सफल संचालन के लिए डटा हुआ है।
गंगा सप्तमी पर गंगोत्री में सन्नाटा
मंगलवार को गंगा सप्तमी के पर्व पर सुबह 11 बजे तक गंगोत्री धाम में सन्नाटा पसरा रहा। सोमवार को जिला प्रशासन की ओर से वाहनों की आवाजाही सुगम करने के नाम पर शुरू किए गए गेट सिस्टम का उल्टा असर पड़ा। लिहाजा, हजारों वाहन गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह जगह फंस गए। जिस कारण सोमवार दोपहर के बाद कोई भी यात्री गंगोत्री धाम नहीं पहुंच सका तो मंगलवार सुबह 11 बजे तक भी गंगोत्री धाम में यात्रियों की आदम नहीं हो सकी। गंगा पुरोहित सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल ने कहा कि गंगा सप्तमी के पावन पर पर्व पर हजारों यात्री गंगोत्री आकर मां गंगा के दर्शन करना चाहते हैं लेकिन प्रशासन की लापरवाही से यात्री सड़कों में पिछले 24 घंटों से वाहनों में भूखे प्यासे फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जाम की जो तस्वीरें आ रही है उसने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। संजीव सेमवाल ने कहा कि अब तक यात्रा संचालन में इतनी बड़ी लापरवाही कभी नहीं देखी गई यहां तक कि आपदाओं के दौरान भी यात्रा में इतना बड़ा अवरोध कभी पैदा नहीं हुआ।