चिंताजनक : राज्य में हर दिन 3 बच्चे होते हैं अपराध का शिकार
बच्चों के साथ अपराध का ग्राफ बढ़ रहा उत्तराखंड में, मामलों में चार्जशीट दाखिल करने में पुलिस सुस्त
PEN POINT, DEHRADUN : यूं तो अपराध के लिहाज उत्तराखंड देश के ऐसे राज्यों में शुमार है जहां अपराध का ग्राफ बेहद कम है लेकिन बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में राज्य का रेकार्ड लगातार खराब होता जा रहा है। बच्चों के खिलाफ अपराध का ग्राफ हर साल बढ़ रहा है। वहीं, बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में न्यायालयों में चार्जशीट दाखिल करने में राज्य की पुलिस का रेकार्ड भी देश के अन्य राज्यों के मुकाबले खराब है।
राष्ट्रीय अपराध रेकार्ड ब्यूरो में दर्ज आंकड़ों ने राज्य में बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल पैदा कर दिए है। अपराध के लिहाज से शांत माने जाने वाले उत्तराखंड में हर दिन औसतन तीन बच्चों के खिलाफ अपराध होता है। एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो 2021 में राज्य में 1245 बच्चों के साथ आपराधिक घटनाएं हुई। जिसमें से 712 बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार किया गया। 2021 में बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 2020 के सापेक्ष बीस फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। 712 मामले जहां पोक्सो एक्ट में दर्ज किए गए वहीं बाल मजदूरी के 25 मामले सामने आए। राज्य में 12 मामले बाल विवाह के भी दर्ज किए गए। वहीं, मामलों को सुलझाने में पुलिस का रेकार्ड बाकी राज्यों के मुकाबले जरा कमजोर रहा है। राज्य में बच्चों के खिलाफ हुए अपराध में केवल 81 फीसदी मामलों में ही न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में चार्जशीट दाखिल करने में उत्तराखंड का देश भर में आठवां नंबर है। वहीं, बच्चों के खिलाफ हुई हिंसा अपराध के 219 ऐसे मामले सामने आए जहां पुलिस के हाथ न कोई सुबूत लगा न ही कोई अपराधी। वहीं पूरे देश की 15 हजार के करीब बच्चों के साथ आपराधिक घटनाएं दर्ज की गई।
बाल विवाह की सूचना देने पर मिलेगा इनाम
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को महिला सुरक्षा सप्ताह में आयोजित कार्यक्रम में राज्य में बाल विवाह की सूचना देने वालों को सम्मानित करने की घोषण की। राज्य में महिला हिंसा रोकने, बाल विवाह को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने लोगां से नजदीकी थानों में सूचना देने की अपील की । साथ ही ऐसी सूचनाएं देने वालों को ईनाम देने की भी घोषणा की।