देवभूमि के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद का निधन
Pen, Point Dehradun: उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का निधन हो गया है. उन्होंने देहरादून के महंत इंद्रेश अस्पताल में अंतिम सांस ली। बीते दिन तबीयत खराब होने पर उन्हें इंद्रेश अस्पताल में भर्ती किया गया था, गंभीर बीमारी से जूझ रहे घनानंद को बचाने के लिए डॉक्टरों ने अथक प्रयास किए। लेकिन मंगलवार दोपहर को उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिससे उन्हें उबारा नहीं जा सका। वह करीब 72 वर्ष के थे।
महंत इंद्रेश अस्पताल में गहन चिकित्सा के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। चिकित्सक उनका जीवन बचाने की जद्दोजहद कर रहे थे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। अस्पताल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी है। पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार अब बुधवार को उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। घनानंद की मृत्य से कला जगत में शोक की लहर है। उनके लाखों प्रशंसक व्यथित हैं।
उत्तराखंड की लोक संस्कृति और हास्य अदाकारी में घनानंद का नाम बेहद अदब से लिया जाता था। सोशल मीडिया पर अब उनके प्रशंसकों ने अपने प्रिय कलाकार को श्रद्धांजलि अर्पित करनी शुरू कर दी है। उनकी आकस्मिक मृत्यु पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। इसे कला संस्कृति और रंगमंच के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है।
उत्तराखंड के मशहूर हास्य कलाकार घनानंद गगोडिया का जन्म गढ़वाल मंडल में साल 1953 में हुआ. घनानंद की कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी शिक्षा दीक्षा गढ़वाल हुई. उन्होंने साल 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में सफर शुरू किया. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में भी काम किया है. जिसमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगड़वाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज प्रमुख हैं.
घनानंद साल 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन में भी कई कार्यक्रम किए. उन्होंने राजनीति में भी किस्मत आजमाई और साल 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.जिसके बाद वो चुनाव में भाजपा के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में उतरते रहे।