यौन शोषण मामले में पूर्व विधायक महेश नेगी को अदालत से राहत, लेकिन कानूनी जंग अभी जारी
Pen Point, 23 May 2025: द्वाराहाट से पूर्व भाजपा विधायक महेश नेगी को बहुचर्चित यौन शोषण और आपराधिक धमकी के मामले में अदालत से भी क्लीन चिट मिल गई है। इससे पहले पुलिस जांच में भी उन्हें आरोपमुक्त घोषित किया जा चुका है। हालांकि इस मामले के विभिन्न पहलुओ को देखते हुए कानूनी जंग आगे भी जारी रह सकती है।
क्या है मामला?
5 सितंबर 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज एफआईआर में एक महिला ने पूर्व विधायक महेश नेगी पर गंभीर आरोप लगाए थे। महिला का दावा था कि विधायक ने उसका दुष्कर्म किया और धमकाया। इतना ही नहीं, पीड़िता ने यह भी कहा कि उसकी नाबालिग बेटी के जैविक पिता खुद महेश नेगी हैं। इस आधार पर महिला ने परिवार न्यायालय में बच्ची के भरण-पोषण के लिए मुकदमा भी दायर किया था।
हालांकि, पुलिस ने अपनी जांच में किसी भी तरह के दुष्कर्म या धमकी के प्रमाण नहीं पाए और फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी। इसके बाद महिला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने प्राथनापत्र पर संज्ञान लेते हुए विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
पलटवार में ब्लैकमेलिंग और मानहानि का मामला
महेश नेगी ने भी महिला पर पलटवार करते हुए 11 सितंबर को नेहरू कॉलोनी थाने में ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया। उनका आरोप था कि महिला उन्हें झूठे मामले में फंसाकर दो करोड़ रुपये की मांग कर रही है। इसके अलावा, उन्होंने देहरादून की एक अदालत में महिला के खिलाफ दो करोड़ रुपये की मानहानि का दावा भी ठोका है। दोनों मामले अभी विचाराधीन हैं।
फैसला और आगे की लड़ाई
हाल ही में अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए पूर्व विधायक को क्लीन चिट दे दी। अदालत ने माना कि जांच में ऐसे कोई सबूत नहीं मिले जो महेश नेगी को अभियुक्त ठहराते हों। इसके बाद पूर्व विधायक को बड़ी राहत मिली है।
लेकिन मामला यहीं थमने वाला नहीं दिख रहा। पीड़ित महिला की ओर से अब मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी चल रही है। साथ ही, उन्होंने जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग भी उठाई है।
सियासी पृष्ठभूमि और संवेदनशीलता
यह मामला शुरू से ही राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील बना हुआ है। एक ओर यह महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता से जुड़ा है, वहीं दूसरी ओर इसमें एक वरिष्ठ राजनीतिक चेहरा भी शामिल रहा है, जिससे इसकी संवेदनशीलता और अधिक बढ़ जाती है।
पूर्व विधायक भले ही अदालत और पुलिस जांच में आरोपमुक्त हो चुके हैं, लेकिन महिला की ओर से कानूनी चुनौती और लंबित मानहानि व ब्लैकमेलिंग के मुकदमे इस प्रकरण को अभी खत्म नहीं होने दे रहे।