हो जाईए तैयार, कीजिए गंगोत्री नेशनल पार्क का दीदार
PEN POINT, DEHRADUN :
अगर आप गर्तांगली, नेलांग घाटी या गोमुख जाने की योजना बना रहे हैं तो अब बैग पैक कर निकल पड़िए। बीते शनिवार को ग्रीष्मकाल के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खोल दिए गए हैं और नवंबर महीने तक आप भारत तिब्बत व्यापार के ऐतिहासिक मार्ग गर्तांगली में लकड़ियों की सीढ़ी पर चहलकदमी पर कर सकते हैं तो गंगा के उद्गम स्थल गोमुख पहुंचकर ग्लेशियर से निकलकर गंगोत्री से गंगासागर तक का सफर तय करने वाली गंगा नदी का आचमन भी कर सकते हैं। लद्दाख का फील देने वाली नेलांग घाटी को भी अपनी बकेट लिस्ट में शामिल कीजिए।
शनिवार को शीतकालीन के दौरान बंद किए गए गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के गेट खोल दिए गए। इसके साथ ही अब पर्यटक गोमुख के साथ ही तपोवन ट्रैक, केदारताल, सुंदरवन, नंदनवन, वासुकीताल, जनकताल ट्रैक तक ट्रैकिंग कर सकते हैं। साथ ही गर्तांगली की सीढ़ियों पर उतरकर उस थ्रिल को भी महसूस कर सकते हैं जिसे शब्दों में बंया करना आसान नहीं।
तस्वीरों में देखिए गंगोत्री नेशनल पार्क की खूबसूरती
क्या करें –
गंगोत्री नेशनल पार्क में ट्रैकिंग के लिए परमिट की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपको स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी के जरिए वन विभाग से परमिट मिल जाएगा। नेलांग घाटी चीन सीमा से जुड़ी है लिहाजा यहां बिना परमिट के प्रवेश नहीं किया जा सकता। इसलिए उत्तरकाशी स्थित कोटबंगला में वन विभाग के दफ्तर से परमिट मिलने के बाद ही आप नेलांग घाटी में जा सकते हैं। गोमुख समेत अन्य ट्रैकिंग के लिए भी वन विभाग ही परमिट जारी करता है। वहीं, गर्तांगली जाने के लिए परमिट की जरूरत नहीं है। गंगोत्री से 10 किमी पहले भैरोंघाटी के लंका पुल के पास आप गर्तांगली के गेट पर एंट्री शुल्क जमाकर गर्तांगली का थ्रिल महसूस कर सकते हैं।