पांच साल में क्या कचरे की सड़ांध का आदी हो गया उत्तरकाशी ???
– उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र के बीचों बीच पांच साल से खड़ा हो रहा कूड़े का पहाड़, डंपिंग जोन न होने से ताबांखाणी में डंप किया जा रहा कूड़ा, नहीं दिख रहा लोगों का विरोध
PEN POINT, DEHRADUN : कचरे के पहाड़ से उठने वाली सड़ांध के साथ रहने की क्या आदत भी पड़ जाती है वह भी पूरे शहर को। पढ़ने में भले ही अजीब लगे लेकिन पांच सालों से शहर के बीचों बीच कचरे का पहाड़ बनाया जा रहा है, आवाजाही का प्रमुख मार्ग, आस पास हजारों की आबादी लेकिन अगर विरोध के सुर न उठे तो शायद यही मान लिया जाएगा कि लोग इस कचरे से उठने वाली सड़ांध के आदी हो चुके हैं।
उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र, गंगोत्री धाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव होने के साथ ही 8 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इलाके का जिला मुख्यालय, लिहाजा यहां साल भर ही लोगों की आवाजाही लगी रहती है। लेकिन, उत्तरकाशी में आने वाले देश विदेश के पर्यटकों के साथ ही जिले भर के लोगों का इस्तकबाल करने के लिए नगर पालिका ने विशेष इंतजाम किए है। शहर के बीचों बीच कूड़े का पहाड़ और उससे उड़ती संड़ाध से उत्तरकाशी पहुंचने वाले लोगांे का स्वागत होता है। उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इस संड़ांध की इतनी आदत हो चुकी है कि पांच सालों से नगर पालिका हर दिन शहर के बीचों बीच हजारों किलो कूड़ा डंप कर रहा है लेकिन विरोध के सुर शायद ही कभी उठ रहे हो। यदा कदा रस्म अदायगी के नाम पर कूड़ा हटाने को लेकर ज्ञापन सौंपने का काम जरूर हो गया है।
नगर पालिका उत्तरकाशी लंबे समय से कूड़ा निस्तारण की समस्या से जूझ रहा है। 2018 तक किसी तरह शहर का कूड़ा अलग अलग जगहों पर डंप हो रहा था लेकिन 2018 में नगर पालिका का कार्यकाल खत्म हुआ और चुनाव पीछे चले गए तो पालिका का काम काज शासन के हाथों में आ गया। सरकार ने नगर पालिका का काम काज प्रशासक के हाथों सौंप दिया। वहीं, जिन जगहों पर नगर पालिका का कूड़ा किश्तों में डंप हो रहा था वहां लोगांे ने इसका विरोध शुरू किया तो जिला प्रशासन ने भी इस कूड़े को डंप करने के लिए अनोखा उपाय खोज निकाला। शहर के बीचों बीच सांस्कृतिक, खेल आयोजनों के लिए बनाए गए रामलीला मैदान में प्रशासन ने कूड़ा डंप करना शुरू कर दिया। शहर के बीचों बीच कूड़ा डंप करने के बाद विरोध में सुर उठने लगे लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक न रेंगी। दिसंबर 2018 में नगर पालिका को नया अध्यक्ष मिला, उम्मीद थी कि कूड़ा निस्तारण के लिए नगर पालिका कोई ठोस उपाय खोज निकालेगी। नए अध्यक्ष रमेश सेमवाल के सामने रामलीला मैदान से कूड़ा हटाने का दबाव था तो उन्होंने ने भी शहर के बीचों बीच रामलीला मैदान से कूड़ा हटाकर शहर के अन्य केंद्र ताबांखाणी सुरंग के बाहर डंप करवाना शुरू कर दिया। अब कूड़ा कायदे से शहर के बीचों बीच डंप हो गया क्योंकि ताबांखाणी सुरंग उत्तरकाशी मुख्य नगर, जोशियाड़ा और ज्ञानसू कस्बे के बीचों बीच स्थित होने के साथ ही गंगा तट पर भी स्थित है।
जनवरी 2019 से ताबांखाणी में कूड़ा डंप होना शुरू हुआ जो आज तक बदस्तूर जारी है। हालांकि, दिसंबर महीने की शुरूआत में मौजूदा नगर पालिका अध्यक्ष का कार्यकाल भी पूरा हो रहा लेकिन इन पांच सालों में उनकी उपलब्धि के तौर पर शहर के बीचों बीच कूड़े का फलता फूलता पहाड़ जरूर आया। पांच सालों में कूड़े के ढेर और उससे उठती बदबू के बीच लोगों को भी आवाजाही करने की इतनी आदत पड़ चुकी है शायद ही इसको लेकर कभी नगर पालिका और जिला प्रशासन का विरोध हुआ हो। हालांकि, इस दौरान नगर पालिका ने निकटवर्ती इलाकों में डंपिंग जोन निर्माण की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों के विरोध पर पालिका हमेशा अपने कदम पीछे खींचती रही। इस दौरान ताबांखाणी में कूड़े के विशाल पहाड़ तैयार हो चुके हैं। हालांकि, बीते कुछ महीनों पहले नगर पालिका और प्रशासन ने तिलोथ में कूड़ा निस्तारण का काम शुरू किया जहां ताबांखाणी से कूड़ा ले जाकर निस्तारित करने का काम शुरू किया गया लेकिन इसमें भी तिलोथ निवासी लगातार विरोध कर रहे हैं।
वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल कहते हैं कि डंपिंग जोन अब बनाने की कोई योजना नहीं है अब सिर्फ शहर में कूड़ा निस्तारण केंद्र बनेंगे और तिलोथ की तर्ज पर ही ज्ञानसू और जोशियाड़ा में भी निस्तारण केंद्र बनेंगे जहां घर घर से कूड़ा उठाने वाली एजेंसी ही कूड़े का निस्तारण कर जीरो वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करेगी जिसके लिए निविदा भी हो चुकी है और 20 अक्टूबर को निविदा खोल दी जाएगी।
डंपिंग जोन के नाम पर कर दिए करोड़ों के व्यारे न्यारे
नगर पालिका उत्तरकाशी को बीते साल डंपिंग जोन के लिए दो करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि शासन ने दी थी। नगर पालिका ने बिना स्थानीय निवासियों की सहमति लिए तिलोथ के निकट डंपिंग जोन निर्माण के नाम पर दो करोड़ रूपए खर्च कर दिए, लेकिन कूड़ा डंपिंग से पहले स्थानीय लोगों के विरोध पर यहां कूड़ा डंप करने से कदम पीछे खींच लिए। हालांकि, इस निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और अनियमितता को लेकर सवाल उठे तो इस पर जिला प्रशासन ने जांच बैठा दी।