HOT TOPIC बेरोजगारी : सौ में से सिर्फ दो को नसीब हो रही नौकरी
98 फीसदी बेरोजगारों के सामने रोजी रोटी का संकट, मामूली तनख्वाह पर आउटसोर्स के जरिए 30 हजार से अधिक युवा कर रहे नौकरियां
पेन प्वाइंट, रोजगार डेस्क। उत्तराखंड राज्य में योग्य युवाओं का सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। लगातार परीक्षाओं में धांधलियों, प्रश्न पत्रों के लीक होने, परीक्षाओं के संचालन में अनियमितताओं के चलते करीब दर्जन भर प्रतियोगी परीक्षाओं को या तो टाल दिया गया है या फिर उन्हें नए सिरे से संचालित किया गया है। ऐसे में योग्य बेरोजगार युवाओं का नौकरी पाने का इंतजार लंबा होता जा रहा है।बीते दिनों आयोजित लेखपाल परीक्षा के आयोजन के तीसरे दिन ही पेपर लीक होने की जानकारी बाहर आते ही और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद यह परीक्षा रद्द कर दोबारा आयोजित करने का आदेश जारी कर दिया गया। इसके अलावा करीब दर्जन भर परीक्षाएं पहले ही पेपर लीक, नकल जैसे आरोपों के चलते टाल दी गई है जिन्हें अगले कुछ हफ्तों में आयोजित होना है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ही पिछले साल चार विभागों के 619 पदों के लिए परीक्षाओं का आयोजन किया था। लेकिन इसी बीच साल के मध्य में कुछ परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल मामले सामने आने पर और आयोग के पूर्व अध्यक्ष समेत कई कर्मचारियों समेत 55 लोगों की गिरफ्तारी के बाद इन परीक्षाओं के परिणामों पर रोक लगा दी थी। इसी महीने के पहले सप्ताह में चार विभागों के 619 पदों पर हुई परीक्षाओं को तो क्लीन चिट मिल गई थी। लेकिन इनका परिणाम कब घोषित होगा इसे लेकर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि इस बीच करीब 15 सौ पदों पर हुई परीक्षाओं के परिणाम के बाद चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच का काम तो चल रहा है लेकिन अभी भी 619 पदों के परिणाम कब घोषित होगा इस का इंतजार लंबा होता जा रहा है।
फेल हुआ सेवायोजन विभाग
नौकरियां देने में राज्य का रेकार्ड वैसे भी बेहद खराब है। राज्य के 13 रोजगार पंजीकरण कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं में से केवल 2 फीसदी को ही रोजगार मिल पा रहा है जबकि बेरोजगारों की संख्या में हर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य भर में करीब 5 लाख युवाओं ने खुद को रोजगार पंजीकरण कार्यालय में बतौर बेरोजगार पंजीकृत किया है जबकि इनमें से कुल दस हजार के करीब युवाओं को बीते सालों में नौकरी मिल सकी है। नौकरी पाने वाले युवाओं की तादात इस बात की भी तस्दीक कर रही है नौकरियां देने के मामले में राज्य की हालत बेहद बुरे स्तर पर है।
केंद्रीय नौकरियों में भी मौके नहीं
वहीं, केंद्र सरकार भी बीते वर्षों से नौकरियां देने में कंजूसी बरत रही है। केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न कार्यालयों में पौने नौ लाख से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं। केंद्र सरकार ने बीते साल संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि केंद्र में विभिन्न विभागों में 8.72 लाख पद रिक्त चल रहे हैं।