सोशल मीडिया पर कितने ‘सोशल व एक्टिव’ हैं हमारे प्रत्याशी
– प्रदेश की पांचों संसदीय सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों में से सिर्फ जीत सिंह गुनसोला ही सोशल मीडिया पर पूरी तरह से निष्क्रिय, तो अनिल बलूनी, उमेश कुमार, प्रदीप टम्टा सबसे ज्याद सक्रिय
Pen Point, Dehradun :पिछले एक दशक में देश में चुनाव में प्रचार प्रसार का मिजाज डिजिटल क्रांति आने के बाद पूरी तरह से बदल गया है। एक अपडेट से लाखों, करोड़ों मतदाताओं तक पहुंचने की सुविधा ने नेताओं को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने को मजबूर कर दिया है। सोशल मीडिया चुनाव में कितना असरदार है इसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने 5 दिसंबर से 3 मार्च तक ही सोशल मीडिया में विज्ञापनों पर ही 37 करोड़ रूपए से ज्यादा की रकम खर्च की है। जबकि, आचार संहिता लागू होने के बाद यह रकम बढ़कर तीन गुनी हो चुकी है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर चुनावी प्रचार प्रसार के पल पल की जानकारियां भी साझा की जा रही है। पेन प्वाइंट ने लंबे समय से इस लोक सभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस व प्रमुख प्रत्याशियों के सोशल मीडिया नजर रखी थी जिससे यह अंदाजा हो सके कि डिजिटल युग में हमारे प्रत्याशी सोशल मीडिया पर कितने ‘सोशल व एक्टिव’ हैं।
सोशल मीडिया का राजनीतिक व प्रचार प्रसार टूल के तौर पर उपयोग करने का रिकार्ड भाजपा के नाम है लेकिन बीते सालों में कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया को अपना मजबूत हथियार बनाया है। उत्तराखंड की पांचों संसदीय सीटों पर चुनावी मैदान में उतरे भाजपा, कांग्रेस व अन्य प्रत्याशियों ने भी लंबे समय से सोशल मीडिया को अपने प्रचार प्रसार का जरिया बनाया हुआ है। लेकिन, टिहरी से कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला ही इच चुनाव में प्रदेश में राष्ट्रीय पार्टी से टिकट पाने वाले इकलौते प्रत्याशी होंगे जिनके सोशल मीडिया पर बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ है। टिहरी संसदीय सीट से प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला के फेसबुक प्रोफाइल पर आखिरी पोस्ट 5 सितंबर 2023 की दिखती है इस अकाउंट पर उनके 2 हजार के करीब मित्र हैं। एक अन्य फेसबुक अकाउंट पर 200 से भी कम मित्र हैं। वह लगभग निष्क्रिय हैं। वहीं, भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह भी चुनाव के दौरान ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हुई हैं। फेसबुक पर उनके कुल 6 हजार से कुछ अधिक फॉलोअर है। प्रत्याशी घोषित होने के कुछ सप्ताह पहले ही वह फेसबुक और ट्वीटर पर सक्रिय होती दिखी हालांकि इसके लिए उन्हें ट्वीटर पर खूब ट्रोल भी किया गया। लेकिन, बाकी वक्त उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर ज्यादा हलचल नहीं दिखती है। वहीं, इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे और बेरोजगार आंदोलन का चेहरा रहे बॉबी पंवार सोशल मीडिया पर खूब प्रसिद्ध हैं। सोशल मीडिया को एक मजबूत टूल के रूप में इस्तेमाल करने से लेकर अपनी राय, अपने सुझाव, जनविरोधी नीतियों की आलोचना करने के लिए वह अपने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं उन्हें फॉलो करने वालों की तादात 35 हजार से भी अधिक हैं।
वहीं, पौड़ी संसदीय सीट से भाजपा की ओर से राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी प्रत्याशी हैं। अनिल बलूनी भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं में शुमार हैं और सोशल मीडिया को विपक्षी नेताओं पर हमला करने और अपनी सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार करने के साथ ही अपने संदेश भी लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयोग में लाते हैं। वह सोशल मीडिया पर खूब प्रसिद्ध हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल भी सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर खूब सक्रिय रहते हैं। अपने प्रचार प्रसार के अलावा अपनी राय, पार्टी के प्रचार प्रसार, अपने सुझाव, सरकार की नीतियों की अलोचानाओं को लेकर खूब अपडेट करते रहते हैं।
हरिद्वार संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय हैं। उनकी सोशल मीडिया टीम उनके प्रचार प्रसार से लेकर उनके संदेश लोगों तक पहुंचाने को खूब पसीना बहाते हैं। फेसबुक पर ही उनके 15 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं। वहीं, इसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत भी फेसबुक को अपने प्रचार प्रसार का जरिया बनाए हुए हैं। फेसबुक पर 39 हजार से अधिक फॉलोअर वाले वीरेंद्र रावत अपने प्रचार से जुड़े फोटो वीडियो ही फेसबुक पर पोस्ट करते हैं जबकि उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तरकाशी में सोशल मीडिया का सबसे बेहतर उपयोग करने वाले नेताओं में शुमार है। हरीश रावत अपने सोशल मीडिया के जरिए सिर्फ बधाई संदेश ही पोस्ट नहीं करते बल्कि वह अपने राजनीतिक जीवन के किस्से कहानियों, अपनी राय, सुझाव अपडेट करते रहते हैं। वह फिलहाल राज्य में सबसे ज्यादा सक्रिय नेताओं में शामिल है। हालांकि, ट्वीटर पर वह दो तरफा संवाद नहीं करते जहां उन्होंने अपने रिप्लाई वाले ऑप्शन को बंद कर रखा है। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार व विधायक उमेश शर्मा ने भी सोशल मीडिया को एक बेहतर माध्यम की तरह उपयोग किया है। वह सोशल मीडिया को बेहतर ढंग से इस्तेमाल करने वाले नेताओं में शामिल है। अपना प्रचार प्रसार करने के अलावा वह हर तरह की पोस्ट लगातार अपडेट करते रहते हैं लिहाजा वह सोशल मीडिया पर खूब प्रसिद्ध भी है। फेसबुक पर ही करीब सवा लाख से अधिक फॉलोवर वाले उमेश कुमार सोशल मीडिया के जरिए दो तरफा संवाद करने वाले नेताओं में शामिल हैं।
नैनीताल से मौजूदा सांसद और भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट भी एक लाख से अधिक फॉलोअर के साथ फेसबुक पर सक्रिय तो हैं लेकिन वह ज्यादातर अपनी राय या विचार नहीं रखते, उनके अपडेट कार्यक्रमों को लेकर ही होते हैं वहीं नैनीताल संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी प्रकाश जोशी फेसबुक पर 8 हजार से कुछ अधिक फॉलोअर हैं वह सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट अपडेट करते रहते हैं।
अल्मोड़ा संसदीय सीट से मौजूदा सांसद और भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा 63 हजार फॉलोअर के साथ मौजूद हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा भले ही 10 हजार फॉलोअर के साथ फेसबुक पर हों लेकिन सक्रियता के मामले में वह अजय टम्टा से अव्वल हैं। वह फेसबुक पर लगातार अपने विचार, अपनी राय अपडेट करते हैं तो अपने सोशल मीडिया को दो तरफा संवाद का जरिया भी बनाया हुआ है।
हालांकि, लंबे समय तक इन प्रत्याशियों के सोशल मीडिया का अवलोकन करने के बाद पेन प्वाइंट इस नतीजे पर पहुंचा कि भाजपा प्रत्याशियों के सोशल मीडिया पर होने वाली अपडेट एक सी दिखती हैं जैसे किसी एक ही केंद्र से यह सोशल मीडिया अकाउंट संचालित किए जा रहे हैं। यहां तक कि विशेष दिनों में बनाए गए पोस्टरों का डिजायन से लेकर संदेशों में भी एकरूपता दिखती है तो इन दिनों प्रचार के लिए फोटो और वीडियो को पोस्ट करने का तरीका भी एक सा दिखता हैं साथ ही भाजपा के प्रत्याशी किसी विषय पर राय देते, अपने विचार अपडेट करते नहीं दिखते हैं। वहीं, कांग्रेस के मामले में सिर्फ हरिद्वार से सांसद विरेंद्र रावत ही सोशल मीडिया ही इस तरह से दिखता है जैसे एक प्रोफेशनल सोशल मीडिया टीम इसे चला रही हो जबकि गढ़वाल से प्रत्याशी गणेश गोदियाल, अल्मोड़ा से प्रत्याशी प्रदीप टम्टा व नैनीताल से प्रत्याशी प्रकाश जोशी के सोशल मीडिया सामान्य तौर पर संचालित किए जाने वाले सोशल मीडिया लगते हैं। इस बात की पुष्टि भाजपा की चुनावी टीम से जुड़े एक नेता भी करते हैं। नाम न छापने की शर्त पर वह बताते हैं कि भाजपा के पास ऐसे प्रोफेशनल्स की बहुत बड़ी टीम है जो भाजपा नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट का प्रबंधन करते हैं उन पर पोस्ट करते हैं, उन्हें अपडेट करते हैं और इसके लिए वह महीने की फीस भी लेते हैं। नेता बताते हैं कि पार्टी में पदाधिकारी रहा एक सोशल मीडिया प्रोफेशनल ज्यादातर नेताओं के अकाउंट को संभालता है जिस कारण सबमें एकरूपता दिखती है।