आइस स्कैटर अस्तित्व ने रचा इतिहास, उत्तराखंड को दिलाया पहला गोल्ड
देहरादून । आइस स्कैटिंग उत्तराखण्ड के लिए एकदम नया खेल है। इस खेल के लिए यहां बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। इसके बावजूद राज्य को इसका पहला स्वर्ण पदक हासिल हुआ हुआ है। देश के उदीयमान आइस स्कैटर अस्तित्व डोभाल ने अपने शानदार प्रदर्शन से ये उपलब्धि अपने नाम की है। हाल ही में गुड़गांव में संपन्न हुई 18वीं स्पीड एंड फीगर आइस स्कैटिंग चैंपियनशिप में देष भर के युवा आइस स्कैटर जुटे। भारतीय आइस स्कैटिंग ऐसोसिएषन की ओर से आयोजित इस चैंपियनशिप में शार्ट ट्रैक स्पर्धा में अस्तित्व ने अव्वल रहते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया। यह उत्तराखण्ड के लिए कोई मामूली उपलब्धि नहीं है। स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही जहां अस्तित्व ने उत्तराखंड को जहां पहला राष्ट्रीय खिताब दिलाया है वहीं उन्होंने इस खेल को लेकर राज्य में नई उम्मीद जगाई है। चैंपियनशिप में उन्हें प्रख्यात शूटर गगन नारंग के हाथों अस्तित्व को मैडल दिया गया। इस बॉक्सिंग के खेल में नई इबारत लिखने वाली मषहूर बॉक्सर एमसी मैरी कॉम बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई।
रोलर स्कैटिंग में भी देश को दिलाया गोल्ड
बताते चलें कि इससे पहले रोलर स्कैटिंग की विष्व स्तरीय स्पर्धाओं में अस्तित्व डोभाल अंडर 14 में भारत को दो गोल्ड मैडल भी दिलवा चुके हैं। थाईलैंड में हुई इस चैंपियनशिप में भारत को प्रतिनिधित्व करते हुए अस्तित्व ने बेहद कम उम्र में यह सफलता पाई। उत्तरकाशी जिले के बड़कोट कस्बे से लगे चक्र गांव निवासी अस्तित्व डोभाल ने अपनी प्रतिभा से साबित किया है कि पहाड़ों में हुनर की कमी नहीं है। जरूरत है तो बस उसे निखारने की। अस्तित्व के पिता विनोद डोभाल के मुताबिक उन्होंने अपने बेटे की दिलचस्पी और प्रतिभा पर पूरा फोकस किया है, बाकी उसकी मेहनत ने ही उसे सफलता की राह दिखाई है। मां योगिता डोभाल बताती हैं कि अस्तित्व अपने खेल को लेकर खुद ही अनुशासित रहता है, इससे उसे अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।
ओलंपिक खेल है आइस स्कैटिंग
आइस स्कैटिंग चर्चित ओलंपिक खेल है। अब तक अमेरिका और यूरोपीय देशों का इस खेल में वर्चस्व रहा है। सबसे पहले 1905 में लंदन ओलंपिक में इसे षामिल किया गया था। इसके अलावा विंटर गेम्स में आइस स्कैटिंग एक प्रमुख खेल माना जाता है। भारत में मार्च 2002 में आइस स्कैटिंग ऐसोसिएषन की स्थापना हुई थी। भारतीय ओलंपिक संघ ने आइस स्कैटिंग को बढ़ावा देने के मकसद से यह कदम उठाया। तब से इस खेल में देश में युवाओं का रूझान बढ़ा है।