पौड़ी: सीएम के निर्देश पर भी नहीं हुई कार्रवाई, तो जनता के साथ आमरण अनशन करेंगे : गौरव रावत
- भ्रष्टाचार में लिप्त जिला पंचायत कर्मचारियों और उनके परिजनों पर हो कठोर कार्रवाई : BJP जिला पंचायत सदस्य
- जिला पंचायत सदस्य ने अध्यक्ष पर लगाये गंभीर आरोप, सीएम को भेजा गया है ज्ञापन
- टेंडर ऐसे अख़बारों में निकाले जाते हैं, जिनकी जानकारी भ्रष्टाचार के आरोपियों के अलावा किसी को नहीं : गौरव
PEN POINT, PAURI : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से केंद्रीय विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में बतौर छात्र संघ अध्यक्ष रहे और वर्तमान में थैर क्षेत्र के भाजपा के जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत ने लम्बे समय से भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त जिला पंचायत पौड़ी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। युवा सदस्य ने जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित कई अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने निशाने पर लिया है।
बीजेपी के सदस्य गौरव रावत ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने जिला पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये और पूरे मामले में पहले मीडिया के सामने जिला पंचायत के आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जारी किये गए बजट प्रक्रिया पर सवाल उठाए। इसके बाद डीएम के जरिये सीएम को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में उन्होंने पौड़ी जिला पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार पर 5 विन्दुओं के आधार पर कार्रवाई करने की मांग की है।
बता दें कि पौड़ी जिला पंचायत हमेशा से विवादों में रही है। लेकिन जिला पंचायत के इस कार्यकाल में इस बार न केवल विपक्षी खेमों की तरफ से भ्रष्टाचार के कई बड़े मामले सामने लाये गए, बल्कि कुछ मामलों में कमिश्नर जांच तक की गयी। यहाँ तक कि कइयों में जांच पर शासन से कार्रवाई करने की संस्तुति तक की गयी है।
इस बार ताजा मामला इसलिए सुर्ख़ियों में है क्योकि इस बार बीजेपी के ही एक युवा सदस्य ने ही जिला पंचायत पौड़ी कि कलई खोल कर रख दी है। इससे पौड़ी जिलापंचायत एक बार फिर से सुर्खियों में आ गयी है। दरससल भाजपा के ही जिला पंचायत के युवा सदस्य गौरव रावत ने ये कदम उठाया है। पिछले दिनों उनके द्वारा जिला पंचायत पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. जिसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान के माध्यम से एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है। उन्होंने जिला पंचायत में चल रही भ्रष्टाचार की मुख्यमंत्री से जांच करवाने की मांग की है। साथ ही इसमें शामिल सभी कर्मचारियों व उनके परिजनों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की मांग की है।
भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत ने कहा कि उन्होंने अभी डीएम के जरिए सीएम को ज्ञापन भेजा है यदि इस पर जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश पर नहीं होती है, तो वे अपने क्षेत्र की जनता के साथ मिलकर डीएम ऑफिस के बाहर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा जिला पंचायत में बजट में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की जा रही है। सगे सम्बंधियों को ठेके दिए जा रहे हैं। सफाई के नाम पर पैसों का गबन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले में कार्रवाई ना होने पर जनता के साथ मिलकर उग्र आंदोलन काऊंगा।
क्या कहता है वो नियम जिनका हवाला दे रहे हैं जिला पंचायत सदस्य ?
जिला परिषद् द्वारा सम्पादित कराये जाने वाले निर्माण कार्यों व अन्य कार्यों के ठेके एवं नीलामी आदि में जिला परिषद के पदाधिकारी, सदस्य एवं अधिकारी / कर्मचारी तथा उनके सम्बधियों को भाग लेने को अनुमति न दी जाए। जिला परिषद के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं अधिकारीयों के सम्बन्धियों की परिभाषा उत्तर प्रदेश जिला परिषद सेवा नियमावली 1970 के नियम -54 में स्पष्ट रूप से परिभाषित है। कृपया उक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का कष्ट करें।
इस मामले पर मीडिया के पूछे जाने पर पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा था कि कुछ शिकायतों को लेकर सीएम के लिए सदस्य ने पत्र दिया है। इस पत्र को मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से जो भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे, उन निर्देशों का तुरंत पालन किया जाएगा।