ऐसे में कैसे बनेगा उत्तराखण्ड पर्यटन से रोजगार देने वाला राज्य ?
PEN POINT, GOPESHWAR : उत्तराखंड को पर्यटन रोजगार की दिशा में अग्रणी राज्य बनाने के दावों को उसके सरकार के जिम्मेदार विभाग ही पलीता लगा रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में राज्य में बाहरी प्रदेशों और विदेशों से शीतकालीन पर्यटन का आनंद लेने के लिए यहाँ पहुँच रहे सैलानियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वही शीतकालीन पर्यटन से जुड़ा हुआ कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।
मामला उत्तराखंड के विश्व विख्यात विंटर डेस्टिनेशन औली से जुड़ा हुआ है। यहाँ सड़क मार्ग से जोड़ने वाली एकमात्र जोशीमठ-औली मोटर मार्ग पर हुई बर्फबारी के बाद पर्यटकों की आवाजाही के लिए खतरनाक हो गया है। यहाँ पर्यटकों की गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में रस्ते को ट्रैफिक के लिहाज से खुलवाने के लिए यहाँ बर्फ हटाने को फिलहाल कोई भी जिम्मेदार विभाग आगे नहीं आ रहा है। बतया ये जा रहा है कि जोशीमठ औली रोड लोक निर्माण विभाग और बीआरओ दो विभागों के बीच फंसी हुई है। ऐसे में दोनों महकमे औली रोड पर गिरी बर्फ और पाले को हटाने से अपना अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इसका खामियाजा सड़क मार्ग से औली पहुंचने वाले पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है।
बाहरी प्रदेशों से यहाँ पहुंचे पर्यटकों की माने तो औली रोड पर गुरूवार को बर्फ हटाने वाला उन्हें कोई नजर नही आया। इस बावत जब बीआरओ के अफसरों से पूछा गया तो बताया गया कि उन्हें सिर्फ पिछले साल औली रोड सुधारीकरण के लिए दी गई थी। ऐसे में फिलहाल बर्फ हटाने के लिए उन्हें बजट नही दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि औली रोड बीआरओ को हस्तांतरित हो गई है। लिहाजा बर्फ हटाने का काम भी अब बीआरओ का होगा।
इन दो सरकारी महकमों के जिम्मेदारी से साफ़ तौर पर पल्ला झाड़ने से औली रोड का हाल पर्यटकों पर भारी पड़ रहा है। बता दें कि गुरूवार से जोशीमठ और औली क्षेत्र में बुधवार-गुरुवार को बर्फवारी हुई है। जहाँ आसपास के इलाके शानदार बर्फवारी से लकदक बने बने हुई हैं। जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन सडकों से बर्फ हटाने कि व्यवस्था न होने से जगह-जगह पर्यटकों के वाहन बर्फ मैं फंस जा रहे हैं। जिससे औली सड़क पर पाले की चपेट में वाहनों के रपटने का खतरा बना हुआ है। बीते एक रोज पहले ही औली रोड पर एक पर्यटक वाहन पाले की चपेट में आकर सड़क से आधा नीचे झुक गया था। कर में बैठे परिवार की जान पर बन आई। आनन फानन में एक स्थानीय वाहन की मदद से उक्त वाहन को बाहर निकाला गया।
अब ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर जोशीमठ औली रोड पर बर्फबारी के बाद जमी बर्फ और पाले से पटी सड़क को साफ करने की जिम्मेदारी आखिर कौन उठाएगा। जिला प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से त्वरित जिम्मेदारी तय करनी होगी कि कोन यहाँ बर्फ हटाने का काम करेगा। ताकि यहाँ आने वाले पर्यटकों को किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
बता दें कि जोशीमठ और औली को जोड़ने वाले रोप-वे के बन्द होने से अब औली पहुंचने का एकमात्र विकल्प सड़क मार्ग रह गया है। लेकीन बर्फबारी के बाद अब पाले से पटी औली रोड पर पीडब्ल्यूडी और बीआरओ की आपसी कसमकस औली के शीतकालीन पर्यटन कारोबार पर बुरा असर दाल रही है। समय रहते प्रदेश सरकार को औली रोड पर बर्फ हटाने की पूर्ण जिम्मेदारी किसी एक विभाग के सुपुर्द करनी पड़ेगी ताकि औली का विंटर टूरिज्म प्रभावित न हो और पर्यटकों को भी सड़क मार्ग से औली पहुंचने में दिक्कत का सामना न करना पड़े,