महंगाई : बिजली के साथ पानी भी देगा अप्रैल से महंगाई का झटका
PEN POINT DEHRADUN : रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की आसमान छूती कीमतों के बीच ही उत्तराखंड में अब बिजली के साथ ही पानी के बिल भी आम लोगों को महंगाई का झटका देने वाले हैं। बिजली के बिलों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के बाद अब नगरीय क्षेत्रों में पानी के बिलों में भी 15 फीसदी बढ़ोत्तरी का फैसला लिया गया है। यानि अप्रैल महीने से गर्मियों के साथ ही बिजली और पानी भी आम लोगों के पसीने छुड़ाने को तैयार है।
उत्तराखंड में इस बार सूखी सर्दियों के कारण पेयजल स्रोत भी रिचार्ज नहीं हो सके जिसके चलते पेयजल संकट अभी से मंडराने लगा है तो वहीं समय से पहले गर्मी की दस्तक के चलते बिजली की मांग भी बढ़ने लगी है। ऐसे में गर्मियों के दौरान पानी और बिजली संकट की आशंकाओं से विभागों के हाथ पांव फूले हैं तो वहीं अब आम लोगों पर भी गर्मियों के बिजली पानी की कटौती के साथ ही महंगे बिल की दोहरी मार पड़ने वाली है। बीते शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग ने राज्य में अप्रैल महीने से बिजली के बिलों में 12 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिससे राज्य भर में 23 लाख आम परिवारों के महीने के बजट को बिजली का बिल गड़बडाने वाला है। बताया जा रहा है कि 22 मार्च को नई दरों को मंजूरी मिल जाएगी और 1 अप्रैल से बिजली के बिलों में बढ़ोत्तरी प्रभावी हो जाएगी। यानि इस बार समय से पहले गर्मियों की दस्तक के साथ ही बिजली का बिल भी पसीना छुटाने वाला है। शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग की ओर से दिए गए इस बिजली के झटके से आम जन उबर नहीं पाए थे कि शनिवार को भी पेयजल विभाग ने अप्रैल महीने से पेयजल बिलों में 15 फीसदी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव पास कर दिया। 1 अप्रैल से पानी के बिलों के लिए हर महीने करीब 200 रूपये तक ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। वहीं, जहां मीटर के जरिए पानी की आपूर्ति होती है वहां ग्राहकों को हर महीने ज्यादा बिल चुकाना पड़ेगा।
वहीं, इस बार बिजली और पानी का संकट भी राज्य के सामने मुंह बांये खड़ा है। पहाड़ों में कम बर्फवारी और बारिश से प्राकृतिक स्रोतों के रिर्चाज न होने से करीब 76 फीसदी पेयजल स्रोत सूखने की कगार पर हैं जिसके चलते बड़ी आबादी को इस बार पूरी गर्मियों के दौरान पेयजल संकट से जूझना होगा तो कम बर्फवारी के चलते अप्रैल मई महीने में वि़द्युत उत्पादन में भी गिरावट की आशंका है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार भी रियायती दरों पर 1 मई से बिजली देने से भी इंकार कर चुकी है। ऐसे बिजली पानी संकट के बीच इस बार गर्मियों में बिजली पानी के बढ़े हुए बिल आम जन के पसीने छुड़ाएगी।