क्या प्रासंगिकता खो रहे हैं सतपाल महाराज ???
– कांग्रेस में केंद्र से लेकर राज्य सरकारों में हेवीवेट रहे सतपाल महाराज भाजपा में आने के बाद कई बार करवा चुके हैं अपनी किरकिरी
Pen Point, Dehradun : बीते दिनों कार्यकाल में बढ़ोत्तरी को लेकर प्रदेश भर के ग्राम प्रधान आंदोलन कर रहे थे, उसी बीच पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम प्रधानों के कार्यकाल में दो साल की बढ़ोत्तरी करते हुए 2027 में पंचायत चुनाव हरिद्वार के साथ ही करवाए जाएं। लेकिन, इस निर्देश के कुछ दिन बाद ही पंचायत राज सचिव ने अपने ही विभागीय मंत्री के इस आदेश को सिरे से खारिज करते हुए पंचायत चुनाव समय से करवाने की बात कही। ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की किसी निर्देश या फैसले का उनके ही विभागीय सचिव या फिर सरकार की ओर से खंडन किया गया हो। कभी मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देखने वाले सतपाल महाराज के साथ बीते सालों में हुए घटनाक्रमों ने उनकी प्रासंगिकता और साख पर बुरा असर डाला है।
साल 2021 में अचानक ही केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की घोषणा करते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों को एयरपोर्ट के लिए जगह तलाशने के निर्देश दे दिए। सतपाल महाराज की इस घोषणा से राज्य सरकार भी हैरान थी। खुद तब राज्य सरकार को सामने आकर इस घोषणा को सतपाल महाराज की परिकल्पना बताना पड़ा। इसके बाद अगले दो सालों तक सतपाल महाराज गाहे बगाहे हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के बयान देते रहे यहां तक कि दावा भी कर डाला कि हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट 2030 तक बनकर भी तैयार हो जाएगा। हालांकि, अब जब सरकार जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के काम को शुरू कर चुकी है तो सतपाल महाराज ने हरिद्वार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी चुप्पी ओढ़ गए हैं।
सतपाल महाराज कांग्रेस में रहते हुए केंद्र सरकार में मंत्री रहने के साथ ही राज्य में भी सरकार के दौरान बेहद ताकतवर मंत्री रहे। सतपाल महाराज कांग्रेस के दौरान शीर्ष नेताओं में तो शामिल रहे साथ ही उनकी पत्नी अमृता रावत भी राज्य की राजनीति में प्रासंगिक रही। लेकिन, भाजपा में शामिल होने के बाद यूं तो सतपाल महाराज की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रही लेकिन उन्हें बाद में कैबिनेट मंत्री पद से ही संतुष्टि करनी पड़ी लेकिन भाजपा में आने के बाद उनकी पत्नी अमृता रावत की राजनीति लगभग खत्म हो चुकी है।
2017 में जब भाजपा भारी बहुमत के साथ भाजपा ने सरकार बनाई तो माना जा रहा था कि सतपाल महाराज मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे लेकिन भाजपा ने उन्हें नकार कर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की तो सतपाल महाराज ने कैबिनेट मंत्री बनने भी इंकार कर दिया। हालांकि, भाजपा ने उन्हें किसी तरह कैबिनेट मंत्री बनने को तैयार करवा दिया।