क्या जीएसटी स्लैब और रेट्स में होने वाला है बदलाव? फैसले का इंतजार
अप्रत्यक्ष कर यानी जीएसटी की दरों में बदलाव का लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. अब यह लंबा इंतजार जल्द समाप्त हो सकता है. इस सप्ताह मंत्रियों के एक समूह की बैठक होने जा रही है, जिसमें जीएसटी की दरों को तार्किक बनाए जाने के बहुप्रतीक्षित मसले पर चर्चा होने की उम्मीद है.
मंत्रियों के समूह की यह बैठक इस सप्ताह मंगलवार 24 सितंबर को शुरू हो रही है और 25 सितंबर तक चलने वाली है. मंत्रियों के समूह की यह बैठक गोवा में होने वाली है. इस समूह को जीएसटी की दरों को तार्किक बनाने का निर्णय लेने के लिए गठित किया गया है, जिसकी अगुवाई बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सम्राट चौधरी कर रहे हैं.
लंबे समय से यह मांग उठ रही है कि जीएसटी के स्लैब में बदलाव किया जाए और दरों को तार्किक बनाया जाए. अभी जीएसटी के तहत टैक्स के चार स्लैब हैं. वे चार स्लैब 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के हैं. कुछ लग्जरी व सिनफुल आइटम पर अलग से सेस का प्रावधान है. जीएसटी के स्लैब की संख्या को 4 से घटाकर 3 करने की डिमांड उठती रही है.
इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक हुई. जीएसटी काउंसिल अप्रत्यक्ष कर के मामले में निर्णय लेने वाली सबसे ऊपर की इकाई है. जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में जीएसटी दरों को रैशनल बनाने के फैसले पर निर्णय होने की उम्मीद थी. जीएसटी रेट रैशनलाइजेशन के लिए बने मंत्रियों के समूह ने काउंसिल की बैठक में दो स्टैटस रिपोर्ट पेश की थी.
बताया जा रहा है कि गोवा में मंत्रियों के समूह की होने जा रही बैठक में आइटम-बाय-आइटम रेट की समीक्षा की जाएगी. इस समीक्षा के दायरे में 70 से 100 आइटम आएंगे. समीक्षा के बाद उनमें से कुछ सामानों पर टैक्स की दरें बढ़ सकती हैं और कुछ के मामले में दरें कम हो सकती हैं. मंत्रियों के समूह का फोकस इस बात पर रहेगा कि जीएसटी की दरों में बदलाव से उन सामानों पर ज्यादा असर नहीं हो, जिन्हें बड़े स्तर पर लोग कंज्यूम करते हैं. जीएसटी की दरों में घट-बढ़ का सीधा असर संबंधित सामानों के बाजार मूल्य पर होता है.
मंत्रियों के समूह की इस बैठक में जो भी निर्णय होगा, उसे जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में सामने रखा जाएगा. किसी भी बदलाव पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल का होगा. जीएसटी काउंसिल की अगली यानी 55वीं बैठक नवंबर महीने में होगी. जीएसटी काउंसिल की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास है.