लोक सभा चुनाव : नौ लाख बेरोजगारों पर चुनाव में पसरी हुई खामोशी
– प्रदेश के सरकारी विभागों में खाली 26 फीसदी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे प्रदेश के 9 लाख के करीब बेरोजगार युवा, कांग्रेस मुखर पर भाजपा ने ओढ़ी खामोशी
Pen Point, Dehradun : प्रदेश के अलग अलग सरकारी विभागों में 26 फीसदी से अधिक पद रिक्त है जिन पर नियुक्ति के लिए 9 लाख से ज्यादा बेरोजगार भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव का प्रचार आखिरी चरण में है लेकिन नौकरियों का इंतजार कर रही बेरोजगारों की इतनी बड़ी फौज चुनावी मुद्दा नहीं बन पाया। हालांकि, सूबे के मुख्यमंत्री हाल के सालों में बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। लेकिन, इतने बड़े पैमाने पर खाली पदों पर फिलहाल सरकार खामोशी बरत रही है।
हाल के सालों में पेपर लीक, प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली, बेकडोर से नौकरियों के मामले में खूब हो हल्ला मचा था। पूरे प्रदेश में रोजगार और प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सूबे की राजधानी देहरादून में युवाओं का हुजूम कई दफा उमड़ पड़ा। सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक रोकने के लिए सख्त कानून बनाने का दावा किया। बड़े पैमाने पर लंबित भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। लोक सभा चुनाव से पहले खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे। सरकार का दावा था कि पिछले दो सालों के दौरान छह हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। लेकिन, इसके बावजूद आज भी सरकारी नौकरी की आस लगाए राज्य में नौ लाख के करीब बेरोजगार विभागों में खाली पढ़े 68 हजार से भी ज्यादा पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव का प्रचार आखिरी दौर में है। कांग्रेस ने बेरोजगारी को मुद्दा तो बनाया है लेकिन सबसे ज्यादा रैलियां करने और स्टार प्रचारकों का जमावड़ा लगाने वाली भाजपा ने अब तक बेरोजगारी के मुद्दे को नहीं छुआ है। वह भी तब जब राज्य में बेरोजगारों की फौज खड़ी है और पिछले दो सालों में राज्य सड़क पर बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं के आक्रोश का भी गवाह बना। राज्य में नौकरी की आस में सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण करवाने वाले युवाओं की तादात तो नौ लाख के करीब पहुंच चुकी है। जबकि, पिछले पांच सालों में सिर्फ 17 हजार युवाओं को ही रोजगार मिल सका है।
प्रदेश के अलग अलग सरकारी विभागों में फिलहाल 68 हजार 586 पद खाली पड़े हुए हैं। सबसे ज्यादा रिक्त पद शिक्षा विभाग में हैं। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के करीब 11 हजार से अधिक पद खाली हैं जबकि माध्यमिक शिक्षा में 8 हजार से ज्यादा पद खाली है। जबकि, युवाओं की पसंदीदा समूह ग के तहत विभिन्न सरकारी विभागों में ही 48 हजार से ज्यादा पद रिक्त है। हालांकि, विभागों में सरकार समूह ग के रिक्त पदों पर आउटसोर्स के जरिए कर्मियांे की नियुक्ति कर काम चला रही है लेकिन इन पदों पर स्थाई नियुक्ति के लिए लाखों युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में दिन रात खप रहे हैं।
ऐसे में लोकसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में भी सत्तारूढ़ दल की ओर से रोजगार, खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को खामोशी युवाओं को बैचेन कर रही है। प्रदेश में भाजपा का चुनावी अभियान पूरी तरह से धार्मिक मुद्दों पर केंद्रित हो गया है लिहाजा न तो राज्य की समस्याओं के निस्तारण के बारे में अब तक भाजपा की रैलियों पर आश्वासन मिला है न ही प्रदेश की आबादी में पचास फीसदी के करीब हिस्सेदारी रखने वाले युवाओं के भविष्य व रोजगार के बारे में।