समय से पहले पहुँचा मानसून, 16 वर्षों में सबसे जल्दी केरल में दस्तक
Pen Point, 24 मई 2025 : देश में मानसून ने इस वर्ष समय से पहले दस्तक देकर मौसम वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। केरल के समुद्रतटीय इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 24 मई को दस्तक दी, जो भारतीय मौसम विभाग (प्डक्) की अनुमानित तिथि 29 मई से पूरे पाँच दिन पहले है। यह पिछले 16 वर्षों में पहली बार हुआ है जब मानसून इतनी जल्दी केरल पहुँचा है। इससे पहले 2007 में मानसून 23 मई को पहुंचा था।
मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह ही पुष्टि कर दी कि केरल में मानसून की आधिकारिक शुरुआत हो गई है। केरल के दक्षिणी जिलों में बीती रात से ही तेज बारिश, बिजली और गरज के साथ मौसम में बदलाव देखा गया। कई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
जल्दी मानसून का क्या होगा असर?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, समय से पहले आए मानसून का असर देश के बाकी हिस्सों पर भी जल्द देखने को मिलेगा। सामान्य परिस्थितियों में मानसून केरल पहुंचने के करीब 10 से 12 दिनों बाद मध्य भारत और फिर उत्तर भारत की ओर बढ़ता है। यदि इसकी गति बनी रही तो जून के पहले सप्ताह तक महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में वर्षा की शुरुआत हो सकती है। किसानों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, विशेषकर खरीफ फसलों की बुआई के लिहाज से।
क्या ये असामान्य गर्मी का असर है?
इस साल अप्रैल और मई में देश के बड़े हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी देखने को मिली। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में तापमान में बढ़ोतरी तथा हवाओं की दिशा में बदलाव के चलते मानसून जल्दी सक्रिय हो गया है।
मौसम विभाग की सलाह
आईएमडी ने तटीय और दक्षिणी राज्यों में आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के कई हिस्सों में अगले 48 घंटे में तेज बारिश और तूफानी हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।
भारत की 70ः कृषि वर्षा पर निर्भर करती है, ऐसे में मानसून की शुरुआत कब होती है, इसका आर्थिक और सामाजिक असर भी व्यापक होता है। शुरुआती संकेत अच्छे हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अब यह देखना होगा कि मानसून की प्रगति कैसी रहती है और देश के अन्य हिस्सों में यह कितनी नियमितता से पहुंचता है।