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निकाय चुनाव अक्टूबर में तो पंचायत चुनाव होंगे अगले साल…

– नैनीताल हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव संपन्न किए जाने की बात कही, पंचायत चुनाव खिसकेंगे पीछे
Pen Point, Dehradun : आखिरकार राज्य सरकार ने बता ही दिया कि वह 25 अक्टूबर से पहले राज्य में निकाय चुनाव संपन्न करवा लेगी। लेकिन, राज्य सरकार की निकाय चुनाव को लेकर दी गई समयसीमा के बाद यह भी तय हो गया है कि राज्य में पंचायत त्रिस्तरीय चुनाव भी अब नियत समय पर न होकर अगले साल की पहली छमाही में ही हो सकेंगे। ऐसे में निकाय चुनाव का इंतजार कर रहे संभावित प्रत्याशियों के लिए तैयारियों का काउंटडाउन तो शुरू हो चुका है लेकिन पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटे संभावित प्रत्याशियों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
बीते मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में जसपुर के मोहम्मद अनवर व अन्य की जनहित याचिका पर एक साथ सुनवाई हुई। इस दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि सरकार की ओर से पूर्व में प्रार्थना पत्र दाखिल कर चुनाव के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 25 अक्टूबर तक राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न करवा देगी। वहीं, शहरी विकास निदेशक व अपर सचिव नितिन भदौरिया ने कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जानकारी दी कि इस माह के अंत या सितंबर पहले सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कर दी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दस जुलाई को राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट का कार्यकाल पूरा हो गया है। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई की तिथि छह सितंबर नियत कर दी। हालांकि, मंगलवार को जब कोर्ट ने पूछा चुनाव के लिए क्या प्लान पेश किया तो इस पर महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया था कि राज्य में तय समय के भीतर निकाय चुनाव लोकसभा चुनाव की वजह से नहीं हो पाए। क्योंकि राज्य का प्रशासन लोकसभा चुनाव कराने में व्यस्त था। उसके बाद मानसूनी वर्षा शुरू हो गई और आधा प्रशासन आपदा प्रबंधन तैयारियों में व्यस्त रहा। ऐसी परिस्थिति में राज्य निकाय चुनाव कराने में सक्षम नहीं था। राज्य अभी भी आपदा की मार झेल रहा है। अब सरकार 25 अक्टूबर से पहले निकाय चुनाव कराने को तैयार है। अब सरकार घोषित कर रही नए निगम व पंचायतें राज्य चुनाव आयोग के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया कि स्थानीय निकायों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया है। सरकार ने निकायों के संचालन को छह माह के लिए प्रशासक नियुक्त कर दिए। जून 2024 में प्रशासकों का छह माह का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। हालांकि, राज्य सरकार ने निकाय चुनाव करवाने की बजाए प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा दिया था।
वहीं, अक्टूबर महीने के आखिर तक निकाय चुनाव का दावा कर चुकी राज्य सरकार के लिए पंचायत चुनाव भी नियत समय पर करवाना संभव नहीं होगा। हालांकि, कुछ दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दावा किया था कि राज्य सरकार निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को एक साथ करवाने पर विचार कर रही है और ज्यादातर भाजपा नेताओं की भी मांग है कि दोनों चुनाव एक साथ करवाएं जाएं। लेकिन, अब प्रशासन ने साफ कर दिया है कि स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ किए जाने संभव नहीं है न ही निकाय चुनाव के तुरंत बाद पंचायत चुनाव किए जाने की संभावनाएं है। शासन से जुड़े अफसरों की माने तो दोनों चुनाव की तैयारियों, मानव संसाधन की आवश्यकता, मतदाता सूची, सीमांकन समेत अन्य कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य है जिन्हें एक साथ संचालित नहीं करवाया जा सकता है। ऐसे मंे माना जा रहा है कि अक्टूबर अंत तक निकाय चुनाव के बाद सब ठीक ठाक रहा तो अगले साल की पहली छमाही तक ही पंचायत चुनाव करवाए जा सकेंगे। हालांकि, पंचायत और निकाय चुनाव को समय से न करवाने को लेकर राज्य सरकार का रेकार्ड खराब ही रहा है। बीते पंचायत चुनाव हाईकोर्ट में चले अलग अलग मामलों की वजह से साल भर देरी से हो सका तो निकाय चुनाव भी हाईकोर्ट के दखल के बाद तय सीमा के एक साल बाद हो सके। इससे पूर्व भी स्थानीय चुनाव शायद ही कभी समय से हो सके हों।

नए निकायों की घोषणाओं ने बढ़ाई मुश्किलें
सरकार ने स्थानीय नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के आठ माह बीत जाने के बाद कई नगर निगम व नगर पंचायतों की घोषणा कर दी है। जो राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत व स्थानीय निकाय के लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। जबकि यह प्रक्रिया दिसंबर 2023 से भी छह माह पहले की जानी थी। फिलहाल राज्य का बड़ा हिस्सा भारी बारिश से पैदा हुए आपदा जैसे हालातों से जूझ रहा है ऐसे में स्थानीय प्रशासन के लिए नए घोषित नगर निगम और पालिका क्षेत्रों के परिसीमन, मतदाता सूची जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को संपन्न करवाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निकायों के कार्यकाल पूर्ण होने के आठ महीने बाद नए नगर निगमों और पालिकों की घोषणाएं भी लोगों के गले नहीं उतर रही है।

 

 

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